बांसवाड़ा।बांसवाड़ा जिले के पर्यटन स्थलों की सूची में शुक्रवार को एक और नाम जुड़ गया। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग ने शहर वासियों को नई सौगात देते हुए इसे जिले की पर्यटन सूची में शामिल करने का निर्णय किया। नगर परिष्ाद की ओर से कलेक्ट्री परिसर में लगाया गया दांडी यात्रा का मॉडल देश में चौथा है।
इससे पहले तब इस तरह का मॉडल दिल्ली, राजकोट के अलावा राजस्थान में केवल चितौड़गढ़ में था। 20 सितम्बर को हुए इसके लोकार्पण समारोह में वक्ताओं ने इसे आधुनिक तीर्थ की संज्ञा दी थी। इसके लोकार्पण के बाद से ही इसे देखने वालों का तांता लगा हुआ है। गुजरात और मध्यप्रदेश से आए कई सैलानियों ने भी इसे देखा और सराहा। इसके बढ़ते आकष्ाüण को देखते हुए स्थानीय पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने इसके बारे में कलक्टर के.बी.गुप्ता को जानकारी दी।
गुप्ता ने भी जिले की पर्यटन संभावनाओं को देखते हुए इसे पर्यटन स्थल के रूप में नामांकित करने के लिए कार्रवाई के लिए कहा है।
साथ ही इसे विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसे विभाग की जिले से संबंधित प्रचार सामग्री में भी शामिल करने के लिए कहा। ऎसे में पर्यटन विभाग के अगले अंक में दांडी यात्रा भी पर्यटन स्थल के रूप में दर्ज हो जाएगी। यह प्रचार सामग्री राजस्थान के सभी जिलों के पर्यटन कार्यालयों में भेजी जाती है।
जयपुर मुख्यालय प्रदेश के पर्यटन स्थलों की जानकारी दिल्ली स्थित सभी विदेशी दूतावासों को भेजता है जहां से वे अपने-अपने देश के पर्यटन विभाग को इसके बारे में बताते है। ऎसे में आने वाले कुछ समय में बांसवाड़ा की यह दांडी यात्रा प्रदेश के अलावा देश और विदेशों तक अपनी पहचान बना लेगी। उल्लेखनीय है कि कलक्टर गुप्ता के प्रयासों से ही चार साल गत वष्ाü फिर से माही महोत्सव की शुरूआत हो सकी है।
इससे पहले तब इस तरह का मॉडल दिल्ली, राजकोट के अलावा राजस्थान में केवल चितौड़गढ़ में था। 20 सितम्बर को हुए इसके लोकार्पण समारोह में वक्ताओं ने इसे आधुनिक तीर्थ की संज्ञा दी थी। इसके लोकार्पण के बाद से ही इसे देखने वालों का तांता लगा हुआ है। गुजरात और मध्यप्रदेश से आए कई सैलानियों ने भी इसे देखा और सराहा। इसके बढ़ते आकष्ाüण को देखते हुए स्थानीय पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने इसके बारे में कलक्टर के.बी.गुप्ता को जानकारी दी।
गुप्ता ने भी जिले की पर्यटन संभावनाओं को देखते हुए इसे पर्यटन स्थल के रूप में नामांकित करने के लिए कार्रवाई के लिए कहा है।
साथ ही इसे विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसे विभाग की जिले से संबंधित प्रचार सामग्री में भी शामिल करने के लिए कहा। ऎसे में पर्यटन विभाग के अगले अंक में दांडी यात्रा भी पर्यटन स्थल के रूप में दर्ज हो जाएगी। यह प्रचार सामग्री राजस्थान के सभी जिलों के पर्यटन कार्यालयों में भेजी जाती है।
जयपुर मुख्यालय प्रदेश के पर्यटन स्थलों की जानकारी दिल्ली स्थित सभी विदेशी दूतावासों को भेजता है जहां से वे अपने-अपने देश के पर्यटन विभाग को इसके बारे में बताते है। ऎसे में आने वाले कुछ समय में बांसवाड़ा की यह दांडी यात्रा प्रदेश के अलावा देश और विदेशों तक अपनी पहचान बना लेगी। उल्लेखनीय है कि कलक्टर गुप्ता के प्रयासों से ही चार साल गत वष्ाü फिर से माही महोत्सव की शुरूआत हो सकी है।
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