प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक के नुकसान पर गुरुवार को गहरा अफसोस व्यक्त किया. इस पनडुब्बी की दुर्घटना में 18 नौसैनिकों के मारे जाने की आशंका है.
प्रधानमंत्री ने 67वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में कहा, ‘हमें गहरी पीड़ा है कि हमने कल एक दुर्घटना में पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक खो दी. 18 बहादुर नौसैनिकों के मारे जाने की आशंका है.'
उन्होंने कहा कि यह दुर्घटना अधिक दुखद इसलिए भी है क्योंकि नौसेना ने हाल ही में दो बड़ी सफलताएं हासिल कीं. पहली सफलता परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत और दूसरी है विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत.
मुंबई डाकयार्ड में मंगलवार की रात आईएनएस सिंधुरक्षक में कई विस्फोट हुए, जिससे पनडुब्बी आंशिक रूप से डूब गई. इस पनडुब्बी को नौसेना में 1997 में शामिल किया गया था और इसकी लागत लगभग 400 करोड़ रुपये थी.
हाल ही में 450 करोड़ रुपयों की लागत से रूस में इसका नवीनीकरण किया गया था. भारतीय नौसेना ने दुर्घटना की जांच के लिए बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी का गठन किया है और इसके चार सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने की संभावना है.
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