नई दिल्ली।। गौतमबुद्ध नगर की एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के सस्पेंशन मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आखिर एक हफ्ते बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है। सोनिया ने पीएम को चिट्ठी लिखकर इस मामले में दुर्गा को न्याय दिलाने के लिए केंद्र से दखल देने को कहा है।
सोनिया ने चिट्ठी में लिखा है, 'यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस अधिकारी के साथ नाइंसाफी न हो। प्रशासनिक अधिकारियों को ऐसा माहौल दिया जाना चाहिए ताकि वह बिना भय के काम कर सकें।'
गौरतलब है कि करीब एक हफ्त गुजर जाने के बाद भी कांग्रेस इस मामले पर चुप्पी साधे हुए थी। कांग्रेस के किसी नेता ने दुर्गा मामले में अखिलेश सरकार के फैसले का मुखर विरोध नहीं किया था। वह इसे राज्य सरकार का मामला बताकर पल्ला झाड़ रही थी। लेकिन अब सोनिया की इस चिट्ठी के बाद कांग्रेस नेता भी अखिलेश सरकार के इस फैसले की खुलकर मुखालफत कर रहे हैं।
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने सोनिया गांधी के इस कदम को बिल्कुल सही बताया। उन्होंने कहा कि सोनिया देश की सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी की अध्यक्ष हैं और उन्होंने बिल्कुल सही मुद्दे उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कोई अधिकारी जो कर्तव्यों में बढ़कर काम करता है, उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है। सोनिया गांधी ने पीएम से कहा है कि वह इस मामले में दखल दें। उन्हें उम्मीद है केंद्र और राज्य की सरकारें अब गंभीरता से विचार करेंगी।
कांग्रेस अभी इस मामले पर चुप क्यों थी इस पर कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ से कहा कि कांग्रेस ने इस मामले को पहले दिन से ही उठाया है। कांग्रेस ने अखिलेश सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था। इस मामले में डिपार्टमेंटल रिपोर्ट भी राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ है।
दो और चिट्ठियां भी लिखें सोनियाः उधर, समाजवादी पार्टी ने पीएम को लिखी इस चिट्ठी पर सोनिया को निशाने पर लिया है। एसपी नेता नरेश अग्रवाल ने कहा, 'सोनिया जी को दो चिट्ठियां और लिखनी चाहिए। हरियाणा में सोनिया जी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के फंसने के बाद आईएएस अधिकारी खेमका को सस्पेंड किया गया था। इसी तरह राजस्थान के मुख्यमंत्री ने दो आईएएस अधिकारियों को सस्पेंड किया। वह भी जमीन के मामले थे और वहां भी उनके दामाद फंस रहे थे। इसलिए उनको भी पीएम को दो चिट्ठियां और लिखनी चाहिए ताकि दोनों मामलों में भी न्याय मिल सके।'
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