बुधवार, 28 अगस्त 2013

सिवाना जन्माष्टमी पर समदर हिलोरने की परम्परा का किया निर्वाह..

जन्माष्टमी पर समदर हिलोरने की परम्परा का किया निर्वाह.. 

सिवाना से जितेन्द्र जांगिड की रिपोर्ट.... 


बाड़मेर सिवाना। श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व क्षैत्रभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया।जन्माष्टमी के पर्व को लेकर भाई बहिनों ने तालाब हिलोरने की वर्षो से चली आ रही परम्परा के अनुसार बुधवार को तालाब पर जा कर उसकी विधि पूर्वक पूजा अर्चना की।खुमरलाई नाड़ी पर हर समाज वर्ग के लोगो ने तालाब पूजन किया व तालाब हिलोरने की रस्म पुरी की एवं सुख शांति की कामना की।भाई बहिन के पवित्र बंधन को बाधें इस पावन पर्व को सभी जगह मनाते है। सूर्य की पहली किरण के साथ ही लोगो में जोश व उल्लास था,जो धीरे धीरे लोग तालाब पर पहुचने शुरू हुए। वहां भाई बहिनों को पंडित ने तालाब की पूजा अर्चना करवायी फिर एक दुसरे को पानी पीलाकर तालाब हिलोरा। उसके बाद भाईयों ने अपनी बहिनों को कपडे दिये व चुनरी ओढाकर आर्शिवाद दिया। तालाब पर सैकडों लोगो की भारी भीड थी।हर जाति वर्ग के लोग मौजूद थे। जाति अनुसार सभी अलग अलग अपनी जगह पर बैठे लोग तालाब हिलोरने के रिति रिवाज को देखने को सभी उत्साहित थे। तालाब पर पहुची बहिनों के तालाब हिलोरने के लिए लाए गये मटके आकर्षण रहें ,मटकों पर उकेरी कलाकृति सबको लुभा रही थी।

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