लखनऊ। यूपी के एक गांव में जाट समुदाय की लड़की को मुस्लिम लड़के द्वारा भगा ले जाने के बाद वहां के मुसलमानों का जाट समुदाय द्वारा बायकट कर दिया गया। उस गांव में ज्यादा संख्या में जाट समुदाय के लोग हैं, जिन्होंने करीब 800 मुसलमानों का सामाजिक बहिष्कार किया है। लड़की अलीगढ़ के पालचंद की रहने वाली है और लड़का बुलंदशहर के खुर्जा का रहने वाला है।
लड़की के गांव में जाट समुदाय के लोगों ने मुस्लिम लोगों से बोलना बंद कर दिया है। उन्हें स्थानीय दुकानों पर सामान नहीं खरीदने दिया जाता, स्थानीय जाटों के खेत में काम करने के लिए मना कर दिया गया है और साथ ही में जाट समुदाय के लोगों ने मुसलमानों की डेयरी से दूध खरीदना भी बंद कर दिया है।
लड़का और लड़की हाई स्कूल तक दोनों खुर्जा के एक स्कूल में पढ़ते थे, उसके बाद लड़की के दूसरी जगह कॉलेज में चले जो के बाद भी संपर्क में रहे। वो एक जुलाई तो पालचंद में एक शादी में मिले थे, उसके बाद वहां से भाग गए। लड़की का पता पांच अगस्त को चला। उसके बाद दोनों समुदायों में काफी तनाव रहा था।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक लड़की को मथुरा के नारी निकेतन भेज दिया गया है। क्योंकि लड़की ने परिवार के साथ रहने से मना कर दिया था। इसको लेकर दोनों समुदायों के बीच 9 अगस्त को झगड़ा भी हुआ था। उसके बाद पुलिस ने केस दर्ज करके लड़की के चाचा और दो मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार कर लिया।
बाद में जाट समुदाय समुदाय ने एक पंचायत बुलाकर मुसलमानों को बहिष्कार करने का फैसला लिया। गांव के मुसलमानों का कहना है कि ना तो वह लड़का इस गांव का रहने वाला था और ना ही उसका कोई रिश्तेदार इस गांव में रहता है तो हमारा बहिष्कार क्यों। वहीं जाटों का कहना है कि यह वे बायकट को जारी रखेंगे उन्होंने पहले ही फैसला कर लिया है कि वे स्थानीय मुसलमानों से कोई ताल्लुक नहीं रखेंगे।
पुलिस ने दोनों समुदायों के बीच एक बैठक करवाई लेकिन जाटों ने बायकट हटाने से मना कर दिया। पुलिस का कहना है कि दोनों समुदाय आराम से मिलजुलकर रहे लेकिन पुलिस को कोई कामयाबी हासिल नहीं हुई।
हालांकि गांव की प्रधान जाट है और वह भी बायकट को खत्म करना चाहती है लेकिन उसकी भी जाट समुदाय केलोग नहीं सुनना चाहते। उसे चिंता सता रही है कि कहीं ये सूचना दूसरे गांवों में पहुंच गई तो एक बड़ी समस्या पैदा हो सकती है।
लड़की के गांव में जाट समुदाय के लोगों ने मुस्लिम लोगों से बोलना बंद कर दिया है। उन्हें स्थानीय दुकानों पर सामान नहीं खरीदने दिया जाता, स्थानीय जाटों के खेत में काम करने के लिए मना कर दिया गया है और साथ ही में जाट समुदाय के लोगों ने मुसलमानों की डेयरी से दूध खरीदना भी बंद कर दिया है।
लड़का और लड़की हाई स्कूल तक दोनों खुर्जा के एक स्कूल में पढ़ते थे, उसके बाद लड़की के दूसरी जगह कॉलेज में चले जो के बाद भी संपर्क में रहे। वो एक जुलाई तो पालचंद में एक शादी में मिले थे, उसके बाद वहां से भाग गए। लड़की का पता पांच अगस्त को चला। उसके बाद दोनों समुदायों में काफी तनाव रहा था।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक लड़की को मथुरा के नारी निकेतन भेज दिया गया है। क्योंकि लड़की ने परिवार के साथ रहने से मना कर दिया था। इसको लेकर दोनों समुदायों के बीच 9 अगस्त को झगड़ा भी हुआ था। उसके बाद पुलिस ने केस दर्ज करके लड़की के चाचा और दो मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार कर लिया।
बाद में जाट समुदाय समुदाय ने एक पंचायत बुलाकर मुसलमानों को बहिष्कार करने का फैसला लिया। गांव के मुसलमानों का कहना है कि ना तो वह लड़का इस गांव का रहने वाला था और ना ही उसका कोई रिश्तेदार इस गांव में रहता है तो हमारा बहिष्कार क्यों। वहीं जाटों का कहना है कि यह वे बायकट को जारी रखेंगे उन्होंने पहले ही फैसला कर लिया है कि वे स्थानीय मुसलमानों से कोई ताल्लुक नहीं रखेंगे।
पुलिस ने दोनों समुदायों के बीच एक बैठक करवाई लेकिन जाटों ने बायकट हटाने से मना कर दिया। पुलिस का कहना है कि दोनों समुदाय आराम से मिलजुलकर रहे लेकिन पुलिस को कोई कामयाबी हासिल नहीं हुई।
हालांकि गांव की प्रधान जाट है और वह भी बायकट को खत्म करना चाहती है लेकिन उसकी भी जाट समुदाय केलोग नहीं सुनना चाहते। उसे चिंता सता रही है कि कहीं ये सूचना दूसरे गांवों में पहुंच गई तो एक बड़ी समस्या पैदा हो सकती है।
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