शनिवार, 10 अगस्त 2013

पार्टी हित में हेमाराम नरम



जोधपुर। मंत्री पद से इस्तीफा देकर चुनाव नहीं लड़ने की बात कहने वाले हेमाराम चौधरी के तेवर अब नरम पड़ते नजर आ रहे हैं। शुक्रवार सुबह बाड़मेर से जोधपुर पहुंचने पर उन्होंने  बातचीत में कहा कि पार्टी हित में वे अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं और मजबूरी में चुनाव भी लड़ सकते हैं। इस्तीफे के 17 दिन बाद हेमाराम जयपुर के लिए रवाना हुए हैं। रिफाइनरी की जगह को लेकर उन्होंने 24 जुलाई को राजस्व मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

आज मुलाकातें

जयपुर क्यों जा रहे हैं?
इस्तीफे के बाद पहली बार जयपुर जा रहा हूं। मुख्यमंत्री गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान व प्रदेश प्रभारी गुरूदास कामत ने बुलाया है। वे इस्तीफे पर बात करना चाहते हैं। शनिवार को सीएम, प्रदेशाध्यक्ष से और रविवार को कामत से मुलाकात होगी।

क्या इस्तीफा वापस लेने का विचार है?
गुरूदास कामत ने मेरे इस्तीफे पर सोनिया गांधी से बात की है। उनकी जो बात हुई है, उसी संबंध में वे मुझसे रविवार को बात करेंगे।

क्या समझा जाए, इस्तीफा वापस लेंगे?
आज तक तो ऎसा कोई मानस नहीं है। देखते हैं, कामत क्या बात करते हैं, वे सोनिया जी का क्या संदेश देंगे। इसके बाद ही पुनर्विचार करूंगा।
कामत कहेंगे तो इस्तीफा वापस लेंगे?

अभी कुछ भी नहीं कह सकता। मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से पार्टी को कोई नुकसान हो।
आपने राजनीति को गंदा बताते हुए चुनाव न लड़ने की बात कही थी?
मैंने तो पिछले चुनाव भी मेरी मर्जी से नहीं लड़े थे। इस बार भी चुनाव लड़ने का मानस नहीं है। कार्यकर्ताओं का दबाव और आलाकमान का आदेश होगा तो मजबूरी में लड़ना पड़ सकता है।

फिर ब्लॉक कमेटी में आवेदन क्यों?
मैंने आवेदन नहीं किया है। हां, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने ही मेरा नाम भेजा है। इसमें मैं क्या कर सकता हूं?
आपको डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा है?
मुझे जानकारी नहीं है। मुझसे चर्चा नहीं हुई है।

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