राजस्थानी भाषा संकल्प पखवाडा
*आहुति बाकी यज्ञ अधूरा-जांगिड *
सिवाना। हमारा उद्देश्य अभी पूरा नही हुआ है और न ही हमे अपनी मंजिल मिली है ।हमने अपनी मायड भाषा राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता दिलवाने के लिए जो महायग्य प्रारंभ किया गया है उसकी पूर्णाहुति अभी नही हुई है। ये यग्य तभी पूरा होगा जब हमारी मातृभाषा को संविधान की आठवी अनुसूची में सम्मानीय स्थान दिया जाएगा। ये बात अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति मोट्यार परिषद सिवाना के ब्लॉक अध्यक्ष जितेन्द्र जांगिड ने कस्बे में देवन्दी रोड पर आयोजित पर आयोजित हिळ्मिळ सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कही। मोट्यार परिषद के आहवान पर कस्बे के सैकड़ो लोग इस विशाल सम्मेलन में शरीक हुए। करीब ढाई घंटे चले इस सम्मेलन में जांगिड के अलावा किसी भी पदाधिकारी ने सम्बोधित नही किया। अपने लम्बे उद्बोधन में जांगिड ने कहा कि राजस्थानी हमारी माँ है और हमारा इसके प्रति कुछ कर्तव्य भी है। उन्होंने आह्वान किया कि हम सबको मिलकर सन्गठन को मजबूत करना होगा तभी हम अपने वास्तविक उद्देश्य को पूरा कर पाएँगे। उन्होंने कहा कि सिवाना से अब तक एक हजार पोस्टकार्ड मातृभाषा की मान्यता के लिए राष्ट्रपति भवन और प्रधानमन्त्री कार्यालय भिजवाए जा चुके है और ये क्रम निरंतर जारी है। सिवाना में अब तक किसी गैर राजनितिक संगठन को इतना समर्थन नही मिला होगा जितना मोट्यार परिषद को मिल रहा है। आने वाले समय में ये एक मिशाल कायम होगी। सम्मेलन में आगामी कार्यक्रमों की रणनीति भी तेयार की गयी। इस सम्मेलन में सुधीर शर्मा, पुखराज दहिया, मीठालाल, महावीर कुमार, विकास कुमार, श्रवण कुमार, ओम बोस, विष्णु वैष्णव, नारायण राम, कलाराम, थानाराम, ओमप्रकाश, कांतिलाल, जितेन्द्रसिंह सहित समस्त पदाधिकारी उपस्थित थे।।
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