शुक्रवार, 2 अगस्त 2013

मंत्रालयिक कार्मिकों ने मुख्यमंत्री का फूंका पुतला

मंत्रालयिक कार्मिकों ने मुख्यमंत्री का फूंका पुतला



बाड़मेर. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति प्रदेश आह्वान पर मंत्रालयिक कर्मचारियों का सामूहिक अवकाश का शुक्रवार को 23वे दिन भी जारी रहा। शुक्रवार को मंत्रालयिक कर्मचारियों की तीन सूत्रीय मांगो के सम्बन्ध में मंत्रालयिक कर्मचारियों ने बाड़मेर जिले के समस्त बाबूओं के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पूतला फूंका। कर्मचारी नेता इन्द्रप्रकाश पुरोहित के नेतृत्व में पुतले की शव यात्रा गॉधीचौक से शुरू हुई। गांधी चौक से अंहिसा सर्कल होते हुऐ किसान छात्रावास, विवेकानन्द चौराहे होते हुऐ जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट के आगे कार्मिको ने पुतले को जलाकर विरोध प्रकट किया, और नारेबाजी कर विरोध जताया कि सरकार सोई हुई है उसे जगाओं और बाबू सड़को पर आ गये है अब खैर मनाओ । इस प्रदर्शन में बालोतरा,सिवाना, शिव, गुड़ामालानी, बाटाडू सहित जिले भर से सैकड़ो कार्मिक प्रदर्शन में सम्मिलित हुए। मंत्रालयिक कार्मिको के इस विरोध में कार्मिको ने गुस्से में आकर पुतले के जूते भी मारे। साथ ही शोक मनाते हुए कार्मिको ने पुतले को सडक पर रख कर रो रो कर सरकार का विरोध जताया। उन्होंने कलेक्ट्रेट के सामने स्पष्ट चेतावनी देते हुए सरकार को समय रहते चेत जाने की नसीहत दी हैं। कर्मचारी नेता बाबूलाल संखलेचा के अनुसार जो सरकार अपनी जनता और अपने कार्मिको को नजऱ अंदाज़ करे ऐसी सरकार को इन पुतलो की तरह जलकर खत्म करना मजबूरी हैं।
कर्मचारियों के अनुसार उनका आन्दोलन अब उग्र रूप ले चूका हैं और जब तक मांगे नहीं मानी जाती तब तक आन्दोलन का क्रम जारी रहेगा। संघर्ष समिति के अनुसार सारे प्रदेश में मंत्रालयिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर सड़को पर आ गये, उन्हें मान सम्मान और स्वाभिमान की आवश्यकता है। कर्मचारी विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन कर रहे है उनमें एकता मजबूत हुई है, कर्मचारियों ने इस बार कमर कस ली है कि हम हमारा हक लेकर रहेगे चाहे सरकार दण्डात्मक रूख अपना ले, कर्मचारी उतने तेज व उग्र आन्दोलन कर रहे है।कार्मिको के अनुसार सरकार के रीड् की हड्डी कहलाने वाले बाबू आज सड़कों पर है, लेकिन सरकार ऑखे मूंद कर बैठी देख रही है, सरकार ने कठोर आदेश जारी कर बाबूओं को डराने की कोशिशे की परन्तु उससे बाबूओं में ताकत मिली हैं।

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