फिर खुली गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट यह है पूरा मामला
48 साल में तीसरी बार खुली, 26 माह से बंद थी
जैसलमेर हिस्ट्रीशीटर गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट एक बार फिर खुल गई है। दो वर्ष पूर्व गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट बंद कर दी गई थी। जिसे एसपी पंकज चौधरी ने उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद पुराने रिकार्ड खंगालने के बाद एक बार फिर हिस्ट्रीशीट खोल दी है। गौरतलब है कि गुपचुप तरीके से गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट बंद होने के संबंध में भास्कर में खबर छपी थी। एडीजी कपिल गर्ग ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे। उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद एसपी पंकज चौधरी ने गोपनीय जानकारियां व पुराने रिकार्ड खंगालकर बंद हुई हिस्ट्रीशीट को फिर से खोल दिया है।
एसपी का तबादला : खड़े हुए सवाल?
गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट को लेकर राजनीतिक माहौल हमेशा ही गरमाया है। दूसरी बार बंद हुई हिस्ट्रीशीट खुलने पर एक और एसपी का तबादला जैसलमेर से हो गया है। दो दिन पूर्व एसपी पंकज चौधरी ने गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोली और शुक्रवार को उनका यहां से तबादला हो गया। यह पहली बार नहीं हुआ है। जानकारी के अनुसार 1990 में तत्कालीन एसपी सुधीरप्रतापसिंह ने गाजी फकीर की 1984 में गायब हुई हिस्ट्रीशीट को वापस खुलवाया था। जिसके बाद 28 अगस्त को उनका तबादला हो गया।
राजनीतिक दबाव: गाजी फकीर का कांग्रेस में काफी दबदबा माना जाता है। उनका एक बेटा वर्तमान में पोकरण विधायक है तो दूसरा जैसलमेर का जिला प्रमुख है।
सूत्रों के अनुसार ऐसे में उनकी हिस्ट्रीशीट को लेकर राजनीतिक दबाव हमेशा ही रहा। 1990 में भी हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद एसपी का तबादला हो गया था और इस बार भी हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद फिर एसपी का तबादला हो गया। सूत्र बताते हैं कि कहीं न कहीं राजनीतिक दबाव हावी नजर आ रहा है।
राजनीतिक दबाव: गाजी फकीर का कांग्रेस में काफी दबदबा माना जाता है। उनका एक बेटा वर्तमान में पोकरण विधायक है तो दूसरा जैसलमेर का जिला प्रमुख है।
सूत्रों के अनुसार ऐसे में उनकी हिस्ट्रीशीट को लेकर राजनीतिक दबाव हमेशा ही रहा। 1990 में भी हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद एसपी का तबादला हो गया था और इस बार भी हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद फिर एसपी का तबादला हो गया। सूत्र बताते हैं कि कहीं न कहीं राजनीतिक दबाव हावी नजर आ रहा है।
एसपी के तबादले से लोगों में भारी रोष
जैसलमेर एसपी पंकज चौधरी का तबादला हो जाने से जैसलमेरवासियों में भारी रोष व्याप्त हो गया है। पिछले दिनों जब शहरवासियों को एसपी के तबादले की कथित रूप से जनप्रतिनिधियों की ओर से किए जाने वाले प्रयासों की सूचना मिली थी तब भी शहरवासी आक्रोशित हो गए थे और जैसलमेर बंद रखवाकर शहर में प्रदर्शन किया था। वर्तमान में राज्य सरकार की ओर से जैसलमेर एसपी का तबादला कर दिया गया है जिससे शहर में आक्रोश व्याप्त है।
॥गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट 12 मई 2011 को नियम विरूद्ध तरीके से बंद कर दी गई थी। इस मामले में उच्चाधिकारियों के आदेश मिलने के बाद जांच की गई और गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट दोबारा खोल दी गई है। पंकज चौधरी, एसपी, जैसलमेर
गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट 31 जुलाई 1965 को खुली थी। उसके बाद 1984 में फकीर की हिस्ट्रीशीट गायब हो गई। 31 जुलाई 1990 को एसपी सुधीरप्रताप ने फिर हिस्ट्रीशीट खोली। उस समय शहर कोतवाल पहाड़सिंह थे। 12 मई 2011 को एएसपी तथा कार्यवाहक एसपी गणपतलाल ने गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट बंद कर दी। इस समय उप अधीक्षक पहाड़सिंह थे जिन्होंने इनके पक्ष में टिप्पणी की। जबकि पहाड़सिंह 1990 में शहर कोतवाल थे जिस समय हिस्ट्रीशीट वापस खुली थी। 12 मई को एसपी की अनुपस्थिति में जब गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट बंद की गई थी तब तत्कालीन अपराध सहायक ने हिस्ट्रीशीट बंद करने के विरूद्ध टिप्पणी लिखी थी।
॥गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट 12 मई 2011 को नियम विरूद्ध तरीके से बंद कर दी गई थी। इस मामले में उच्चाधिकारियों के आदेश मिलने के बाद जांच की गई और गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट दोबारा खोल दी गई है। पंकज चौधरी, एसपी, जैसलमेर
गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट 31 जुलाई 1965 को खुली थी। उसके बाद 1984 में फकीर की हिस्ट्रीशीट गायब हो गई। 31 जुलाई 1990 को एसपी सुधीरप्रताप ने फिर हिस्ट्रीशीट खोली। उस समय शहर कोतवाल पहाड़सिंह थे। 12 मई 2011 को एएसपी तथा कार्यवाहक एसपी गणपतलाल ने गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट बंद कर दी। इस समय उप अधीक्षक पहाड़सिंह थे जिन्होंने इनके पक्ष में टिप्पणी की। जबकि पहाड़सिंह 1990 में शहर कोतवाल थे जिस समय हिस्ट्रीशीट वापस खुली थी। 12 मई को एसपी की अनुपस्थिति में जब गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट बंद की गई थी तब तत्कालीन अपराध सहायक ने हिस्ट्रीशीट बंद करने के विरूद्ध टिप्पणी लिखी थी।
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