भुज (गुजरात). नरेंद्र मोदी ने भुज के लालन कॉलेज से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को खुली चुनौती दे डाली। मोदी ने मनमोहन सिंह से कहा कि हम छोटे राज्य हैं, आप तो देश चला रहे हैं। लेकिन गुजरात और दिल्ली की रेस हो जाए, पता चल जाएगा कि आप क्या कर रहे हैं, हम क्या कर रहे हैं?
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालन कॉलेज में तिरंगा फहराने के बाद सबसे पहले देश को आज़ाद कराने वाले शहीदों को नमन किया। उसके बाद कहा कि आज भी हम लोग मानसिक तौर पर गुलाम हैं।
मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भाषण का सहारा लेते हुए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। मोदी ने कहा, 'राष्ट्रपति ने कल पाकिस्तान के संबंध में कहा कि सहनशक्ति की सीमा होती है। आज मुझे आशा थी कि प्रधानमंत्री राष्ट्रपति की बात को आगे बढ़ाएंगे। मैं मानता हूं कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों को देखते हुए प्रधानमंत्री के स्तर पर क्या बोला जाना चाहिए, यह मुझे मालूम है। लेकिन देश की सेना का मनोबल बढ़ाने वाला बयान दिया जाना चाहिए। मैं मानता हूं कि लाल किला पाकिस्तान को ललकारने की जगह नहीं है। लेकिन यह जगह देश की सेना का मनोबल बढ़ाने वाला जरूर है। भ्रष्टाचार बड़ी समस्या है। राष्ट्रपति जी चिंतित है। आज देश में देश में सास बहू और दामाद का सीरियल चल रहा है। मैं लाल किले से दिए गए प्रधानमंत्री के भाषण को इसलिए सुन रहा था कि मेरे जैसे कार्यकर्ता को नई प्रेरणा मिले। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैं बहुत निराश हुआ।'
मोदी ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने सिर्फ एक परिवार को याद किया। उन्होंने सरदार पटेल और लाल बहादुर शास्त्री को याद नहीं किया। आप अटल बिहारी वाजपेयी को याद न करें यह तो समझ में आता है, लेकिन आप पटेल और शास्त्री को याद न करें तो दिल को चोट पहुंचती है।'
मोदी ने प्रधानमंत्री को ललकारते हुए, 'पंडित नेहरू ने अपने पहले भाषण में जो समस्याएं गिनाई थीं, वही समस्याएं आपने भी गिनाईं। आपने 60 साल में क्या किया? आप एक परिवार की भक्ति में इतने डूब गए हैं कि उत्तराखंड की मदद करने वाले राज्यों का जिक्र भी नहीं किया। मैं मरू भूमि कच्छ के भुज से बोल रहा हूं। मेरी बात पहले पाकिस्तान सुन लेगा, दिल्ली बाद में सुनेगी।हमने जैसे अंग्रेजों से देश को मुक्त किया वैसे ही भ्रष्टाचार, महंगाई, परिवारवाद, आतंकवाद से मुक्त कराना है।'
इससे पहले आजादी की 67वीं सालगिरह की पूर्व संध्या पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चुनौती दी थी। उन्होंने बुधवार को कहा, ‘स्वतंत्रता दिवस पर देश की नजर दो स्थलों पर होगी। एक-लालकिला। दूसरा-लालन कॉलेज (भुज)। इस दिन हमेशा की तरह फिर थोथी बयानबाजी की जाएगी। जबकि दूसरी जगह से लोगों को विकास की राह दिखाई जाएगी। जनता को किए गए कार्यों का हिसाब दिया जाएगा।’
मोदी ने कच्छ मुख्यालय भुज में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। गुजरात सरकार राष्ट्रीय महत्व के पर्व राजधानी से बाहर जिला मुख्यालयों में मनाती है। साल-2013 के राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस की मेजबानी कच्छ को मिली है। गुरुवार को मुख्य समारोह भुज के लालन कॉलेज मैदान पर होना है। मोदी ने देश के नौजवानों से अपील की कि वे उन्हें देश को सही दिशा में ले जाने के लिए समर्थन दें।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालन कॉलेज में तिरंगा फहराने के बाद सबसे पहले देश को आज़ाद कराने वाले शहीदों को नमन किया। उसके बाद कहा कि आज भी हम लोग मानसिक तौर पर गुलाम हैं।
मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भाषण का सहारा लेते हुए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। मोदी ने कहा, 'राष्ट्रपति ने कल पाकिस्तान के संबंध में कहा कि सहनशक्ति की सीमा होती है। आज मुझे आशा थी कि प्रधानमंत्री राष्ट्रपति की बात को आगे बढ़ाएंगे। मैं मानता हूं कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों को देखते हुए प्रधानमंत्री के स्तर पर क्या बोला जाना चाहिए, यह मुझे मालूम है। लेकिन देश की सेना का मनोबल बढ़ाने वाला बयान दिया जाना चाहिए। मैं मानता हूं कि लाल किला पाकिस्तान को ललकारने की जगह नहीं है। लेकिन यह जगह देश की सेना का मनोबल बढ़ाने वाला जरूर है। भ्रष्टाचार बड़ी समस्या है। राष्ट्रपति जी चिंतित है। आज देश में देश में सास बहू और दामाद का सीरियल चल रहा है। मैं लाल किले से दिए गए प्रधानमंत्री के भाषण को इसलिए सुन रहा था कि मेरे जैसे कार्यकर्ता को नई प्रेरणा मिले। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैं बहुत निराश हुआ।'
मोदी ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने सिर्फ एक परिवार को याद किया। उन्होंने सरदार पटेल और लाल बहादुर शास्त्री को याद नहीं किया। आप अटल बिहारी वाजपेयी को याद न करें यह तो समझ में आता है, लेकिन आप पटेल और शास्त्री को याद न करें तो दिल को चोट पहुंचती है।'
मोदी ने प्रधानमंत्री को ललकारते हुए, 'पंडित नेहरू ने अपने पहले भाषण में जो समस्याएं गिनाई थीं, वही समस्याएं आपने भी गिनाईं। आपने 60 साल में क्या किया? आप एक परिवार की भक्ति में इतने डूब गए हैं कि उत्तराखंड की मदद करने वाले राज्यों का जिक्र भी नहीं किया। मैं मरू भूमि कच्छ के भुज से बोल रहा हूं। मेरी बात पहले पाकिस्तान सुन लेगा, दिल्ली बाद में सुनेगी।हमने जैसे अंग्रेजों से देश को मुक्त किया वैसे ही भ्रष्टाचार, महंगाई, परिवारवाद, आतंकवाद से मुक्त कराना है।'
इससे पहले आजादी की 67वीं सालगिरह की पूर्व संध्या पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चुनौती दी थी। उन्होंने बुधवार को कहा, ‘स्वतंत्रता दिवस पर देश की नजर दो स्थलों पर होगी। एक-लालकिला। दूसरा-लालन कॉलेज (भुज)। इस दिन हमेशा की तरह फिर थोथी बयानबाजी की जाएगी। जबकि दूसरी जगह से लोगों को विकास की राह दिखाई जाएगी। जनता को किए गए कार्यों का हिसाब दिया जाएगा।’
मोदी ने कच्छ मुख्यालय भुज में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। गुजरात सरकार राष्ट्रीय महत्व के पर्व राजधानी से बाहर जिला मुख्यालयों में मनाती है। साल-2013 के राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस की मेजबानी कच्छ को मिली है। गुरुवार को मुख्य समारोह भुज के लालन कॉलेज मैदान पर होना है। मोदी ने देश के नौजवानों से अपील की कि वे उन्हें देश को सही दिशा में ले जाने के लिए समर्थन दें।
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