अलिराजपुर (मप्र) : समाज में शराब को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता, मगर मध्य प्रदेश के अलिराजपुर में बनाई जाने वाली आम की शराब खांसी, जुकाम, निमोनिया पीड़ित बच्चों के लिए रामबाण साबित हो रही है, क्योंकि इसकी मालिश से मरीज स्वस्थ्य हो जाते हैं।
अलिराजपुर के जोबट कस्बे में आम की शराब बनाई जाती है। इस शराब को वाष्पन विधि से बनाया जाता है। इस शराब को बनाने वाले बताते हैं कि आम से बनाई जाने वाली शराब को पीने की जरूरत नहीं होती, बल्कि सीने, पीठ और हाथ पैर में मालिश करने से कफ बाहर आ जाता है। इस शराब में इथाइल व मिथाइल जैसा पदार्थ नहीं होता जो नुकसानदेह हो।
उन्होंने कि बच्चों को खांसी, जुकाम या निमोनिया होने पर दवा की जरूरत नहीं होती, आम से बनी शराब की मालिश करने मात्र से शरीर के भीतर जमा कफ एक-दो दिन में बाहर आ जाता है और इन बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है।
आम की शराब बनाने के लिए रस को इकट्ठा किया जाता है, इसे एक बर्तन में गर्म किया जाता है। इससे निकलने वाली भाप को पाइप के जरिए दूसरे बर्तन में इकट्ठा किया जाता है। इस प्रक्रिया को तीन से चार बार करने के बाद आम की शराब तैयार होती है। यह शराब स्प्रिट जैसी होती है।
जोबट के राजू बताते हैं कि आम की शराब खांसी, जुकाम व निमोनिया पीड़ित बच्चों के लिए दवा बन गई है। इस शराब की मालिश से बच्चों को काफी लाभ हो रहा है और इलाके में बड़ी संख्या में लोग इसका इस्तेमाल भी करते हैं।
अलिराजपुर के जोबट कस्बे में आम की शराब बनाई जाती है। इस शराब को वाष्पन विधि से बनाया जाता है। इस शराब को बनाने वाले बताते हैं कि आम से बनाई जाने वाली शराब को पीने की जरूरत नहीं होती, बल्कि सीने, पीठ और हाथ पैर में मालिश करने से कफ बाहर आ जाता है। इस शराब में इथाइल व मिथाइल जैसा पदार्थ नहीं होता जो नुकसानदेह हो।
उन्होंने कि बच्चों को खांसी, जुकाम या निमोनिया होने पर दवा की जरूरत नहीं होती, आम से बनी शराब की मालिश करने मात्र से शरीर के भीतर जमा कफ एक-दो दिन में बाहर आ जाता है और इन बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है।
आम की शराब बनाने के लिए रस को इकट्ठा किया जाता है, इसे एक बर्तन में गर्म किया जाता है। इससे निकलने वाली भाप को पाइप के जरिए दूसरे बर्तन में इकट्ठा किया जाता है। इस प्रक्रिया को तीन से चार बार करने के बाद आम की शराब तैयार होती है। यह शराब स्प्रिट जैसी होती है।
जोबट के राजू बताते हैं कि आम की शराब खांसी, जुकाम व निमोनिया पीड़ित बच्चों के लिए दवा बन गई है। इस शराब की मालिश से बच्चों को काफी लाभ हो रहा है और इलाके में बड़ी संख्या में लोग इसका इस्तेमाल भी करते हैं।
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