नई दिल्ली. पुंछ में पांच भारतीय जवानों की हत्या के बाद पैदा हुए तनाव के बीच पाकिस्तान ने अपनी वायुसेना को दो मोर्चों पर तैयार रहने के आदेश दिए हैं। एक-आतंकियों से देश में निपटने के लिए। दूसरे-भारतीय सीमा पर संभावित खतरे से मुकाबले के लिए। पाकिस्तान वायुसेना के अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल ताहिर रफीक बट ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर मुकाबले के लिए तैयार है। जेन्स डिफेंस वीकली को दिए बट ने इंटरव्यू दिया। इसमें बताया कि आतंकरोधी अभियान के दौरान पाकिस्तान वायुसेना ने तेजी से थल सेना की मदद करने का गुर सीख लिया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान इन गर्मियों में जेएफ-17 थंडर जेट्स में हवा में ईंधन भर लेने की क्षमता हासिल कर लेगा। इसके जमीनी प्रयोग सफल रहे हैं। आईएल-78 तेल टैंकरों से हवा में ही तेल भर लेने से जेएफ-17 ज्यादा देर तक आसमान में रह सकते हैं।
बट ने बताया कि पाकिस्तान और चीन ने मिलकर जेएफ-17 विमान विकसित किए हैं। आईएल-78 युक्रेन से 2010 में लिए गए थे। पाकिस्तानी वायुसेना में करीब 250 जेएफ-17 लड़ाकू जेट शामिल किए जा रहे हैं। उसके पास अमेरिका में बने एफ-16 लड़ाकू विमानों का बेड़ा और उसके लिए पूरी तरह प्रशिक्षित स्टाफ है। कुछ समय पहले ही अमेरिकी संसद की मंजूरी के बाद पाकिस्तान को और एफ-16 विमान मिले हैं।
बार-बार भारत पर छिप कर हमले कर उसे उकसाने वाला पाकिस्तान सिर्फ बंदरघुड़की ही नहीं देता है बल्कि वह चुपके से जंग की तैयारी कर रहा है। रक्षा सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान 1971 की जंग में मुंह खाने के बाद से चुपचाप जंग की तैयारी कर रहा है। पाकिस्तान की बांग्लादेश के टूटकर अलग होने की टीस अभी भरी नहीं है। बांग्लादेश के अलग होने के बाद से पाकिस्तान को सिर्फ भारत के साथ लगी हुई सीमा की देखभाल करनी पड़ती है। जंग की तैयारियों के लिए पाकिस्तान ने बीते कुछ सालों में अमेरिका, चीन, सऊदी अरब, अफगानिस्तान आदि देशों के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास किया है। दक्षिण एशिया में पाकिस्तान के लिए भारत के अलावा कोई और देश खतरा नहीं है। उसका विवाद भी सिर्फ भारत के साथ है। अमेरिका के सामने खड़े होने की पाकिस्तान की हैसियत नहीं है, चीन उसे गाहे-बगाहे मदद ही करता रहा है।
बट ने बताया कि पाकिस्तान और चीन ने मिलकर जेएफ-17 विमान विकसित किए हैं। आईएल-78 युक्रेन से 2010 में लिए गए थे। पाकिस्तानी वायुसेना में करीब 250 जेएफ-17 लड़ाकू जेट शामिल किए जा रहे हैं। उसके पास अमेरिका में बने एफ-16 लड़ाकू विमानों का बेड़ा और उसके लिए पूरी तरह प्रशिक्षित स्टाफ है। कुछ समय पहले ही अमेरिकी संसद की मंजूरी के बाद पाकिस्तान को और एफ-16 विमान मिले हैं।
बार-बार भारत पर छिप कर हमले कर उसे उकसाने वाला पाकिस्तान सिर्फ बंदरघुड़की ही नहीं देता है बल्कि वह चुपके से जंग की तैयारी कर रहा है। रक्षा सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान 1971 की जंग में मुंह खाने के बाद से चुपचाप जंग की तैयारी कर रहा है। पाकिस्तान की बांग्लादेश के टूटकर अलग होने की टीस अभी भरी नहीं है। बांग्लादेश के अलग होने के बाद से पाकिस्तान को सिर्फ भारत के साथ लगी हुई सीमा की देखभाल करनी पड़ती है। जंग की तैयारियों के लिए पाकिस्तान ने बीते कुछ सालों में अमेरिका, चीन, सऊदी अरब, अफगानिस्तान आदि देशों के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास किया है। दक्षिण एशिया में पाकिस्तान के लिए भारत के अलावा कोई और देश खतरा नहीं है। उसका विवाद भी सिर्फ भारत के साथ है। अमेरिका के सामने खड़े होने की पाकिस्तान की हैसियत नहीं है, चीन उसे गाहे-बगाहे मदद ही करता रहा है।
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