शुक्रवार, 2 अगस्त 2013

महिला कांस्टेबल से शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास

कोटा: एक महिला कांस्टेबल को कथित रुप से शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास करने और बाद में उसे जान से मारने की धमकी देने के आरोप में विभागीय जांच का सामना कर रहे राजस्थान में कोटा के महावीर नगर थाना प्रभारी पुलिस निरीक्षक विजय शंकर शर्मा को आखिर कोटा छोडऩा पड रहा है।
जयपुर में पुलिस मुख्यालय ने कल आधी रात बाद प्रदेश के जिन 143 निरीक्षकों के तबादले की सूची जारी की है, उसमें विजय शंकर का नाम भी शामिल हैं। हालांकि यह तबादला सूची जारी होने से पहले कल दिन में ही कोटा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अमृत कलश ने एक आदेश जारी करके विजय शंकर शर्मा को महावीर नगर थाने से हटाकर बारां जिले में भेज दिया था लेकिन मध्यरात्रि बाद आई तबादला सूची में उन्हें भरतपुर रेंज में भेज दिया गया है।

महिला कांस्टेबल द्वारा की गई शिकायतों की कोटा के पुलिस उप अधीक्षक चतुर्थ जांच कर रहे हैं जिन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट अभी उच्चाधिकारियों को नहीं सौंपी हैं। हालांकि इस मामले में महिला कांस्टेबल के लिखित में शिकायत किये जाने के बावजूद शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है और महानिरीक्षक के आदेश पर उपअधीक्षक मामले की जांच कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि उद्योग नगर थाने में तैनात एक महिला कांस्टेबल ने पुलिस के उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी कि जब निरीक्षक
विजय शंकर शर्मा उद्योग नगर थाने के प्रभारी थे तब उन्होंने उससे शादी का वायदा करके शारीरिक सम्बंध बनाने की कोशिश की लेकिन बाद में शादी करने से इनकार कर दिया। महिला कांस्टेबल ने उच्चाधिकारियों को शिकायत करने की बात की तो शर्मा ने उसे जान से मारने की धमकी दी।

निरीक्षक शर्मा की इन कथित धमकियों से तंग आकर गत 19 जुलाई को महिला कांस्टेबल एक पत्र छोडकर घर से लापता हो गई कि यदि उसकी मृत्यु हो गई तो शर्मा इसके लिये जिम्मेदार होंगे। गत 20 जुलाई को महिला कांस्टेबल के परिवारजनों ने कोटा के बोरखेडा थाने में उसकी गुमशुदी की रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद पुलिस ने महिला कांस्टेबल को 22 जुलाई को जयपुर से बरामद कर लिया था।

बाद में महिला कांस्टेबल ने इसी थाने में निरीक्षक शर्मा के खिलाफ लिखित में रिपोर्ट पेश की जिसकी पुलिस महानिरीक्षक के आदेश पर पुलिस उपअधीक्षक जांच कर रहे हैं। हालांकि इस बारे में अधिकारिक तौर पर तो कुछ भी नहीं बताया गया है लेकिन समझा जाता है कि जांच को प्रभावित करने से रोकने के लिये विजय शंकर शर्मा को कोटा से हटाकर भरतपुर रेंज में तैनात करने के आदेश दिये गये हैं।

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