बाड़मेर। रावतसर गांव में स्थित एक मोबाइल टावर चढ़े युवक ने पुलिस को खासी कसरत करवाई। करीब चार घण्टे तक पुलिस को परेड करवाने के बाद अंतत: वह टावर से नीचे उतरा। पुलिस ने उसे शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। रावतसर निवासी भेराराम पुत्र लालाराम शुक्रवार सुबह करीब साढ़े दस बजे गांव में स्थित मोबाइल टावर पर चढ़ गया।
फिल्मी स्टाइल में टावर पर चढ़े युवक ने अनहोनी धमकी दी। प्रत्यक्षदर्शियों की सूचना पर सदर थानाधिकारी ओमप्रकाश उज्ज्वल, बायतु थानाधिकारी मदनलाल चौधरी मय पुलिस बल मौके पर पहुंचे। पुलिस ने उसे टावर से नीचे उतारने के कई जतन किए, लेकिन वह नीचे नहीं उतरा। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई। अंतत: पुलिस उप अधीक्षक नाजिम अली खान को मौके पर आना पड़ा।
करीब चार घण्टे तक चली उहापोह के बाद ढाई बजे पुलिस उप अधीक्षक की समझाइश के बाद वह टावर से नीचे उतरा। टावर से उतरते ही बायतु पुलिस ने उसे धारा 151 के तहत शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
जातीय पंचों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से खफा
टावर पर चढ़े भेराराम ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2011 में गांव में हो रहे एक बाल विवाह की सूचना उसने पुलिस को दी थी। इससे गांव के जातीय पंच नाराज हो गए और उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया।
समाज से बहिष्कृत होने के बाद उसने जातीय पंचों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रशासन व पुलिस को कईज्ञापन दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे तंग आकर वह आत्महत्या करने के लिए टॉवर पर चढ़ गया।
फिल्मी स्टाइल में टावर पर चढ़े युवक ने अनहोनी धमकी दी। प्रत्यक्षदर्शियों की सूचना पर सदर थानाधिकारी ओमप्रकाश उज्ज्वल, बायतु थानाधिकारी मदनलाल चौधरी मय पुलिस बल मौके पर पहुंचे। पुलिस ने उसे टावर से नीचे उतारने के कई जतन किए, लेकिन वह नीचे नहीं उतरा। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई। अंतत: पुलिस उप अधीक्षक नाजिम अली खान को मौके पर आना पड़ा।
करीब चार घण्टे तक चली उहापोह के बाद ढाई बजे पुलिस उप अधीक्षक की समझाइश के बाद वह टावर से नीचे उतरा। टावर से उतरते ही बायतु पुलिस ने उसे धारा 151 के तहत शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
जातीय पंचों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से खफा
टावर पर चढ़े भेराराम ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2011 में गांव में हो रहे एक बाल विवाह की सूचना उसने पुलिस को दी थी। इससे गांव के जातीय पंच नाराज हो गए और उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया।
समाज से बहिष्कृत होने के बाद उसने जातीय पंचों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रशासन व पुलिस को कईज्ञापन दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे तंग आकर वह आत्महत्या करने के लिए टॉवर पर चढ़ गया।
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