बाड़मेर जिले के कई गांवों में बाढ़ के हालात
गरीबों को सहायता दो प्रशासन इंतजाम करे
ढाणियों में तीन-तीन फीट तक पानी भरा, बचाव के इंतजाम नाकाफी
गांव व ढाणियां पानी से घिरीं, सड़कें बही-मकान ढहे, खेत हुए जलमग्न, फसलें चौपट
बाड़मेर थार में मानसून मेहरबान होने से बीते कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से कई जगह अतिवृष्टि के हालात बने हैं। खड़ीन-एनिकट भी छलक रहे हैं। करीब आधा दर्जन ढाणियां पानी से घिरी है। नाले भी उफान पर है। शिव क्षेत्र में अतिवृष्टि से कई गांवोंं का संपर्क टूट चुका है। वर्ष 2006 में आई बाढ़ के रास्ते नींबला के पास नदी में पानी का बहाव शुरू हो चुका है। अगर फिर बारिश हुई तो बाढ़ के हालात बन सकते हैं। इस स्थिति में प्रशासनिक अमला भी अलर्ट है। आपदा प्रबंधन के इंतजाम के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।
जिले में बीते कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से अतिवृष्टि के हालात बने हैं। शिव उपखंड मुख्यालय समेत आस पास के गांवो में बाढ़ जैसे हालात बन गए। शिव कस्बे के मालियों का वास, मेघवालों का वास के मकानों में जल भराव से कई कच्चे मकान ढह गए। बारिश में लोगों को सामान बाहर निकालने की मशक्कत करनी पड़ी। डाऊवाणी कुम्हारों की ढाणी, अंबावाड़ी, लालसों की ढाणी के चारों तरफ पानी का भराव की स्थिति बनी। ग्राम पंचायत कोटड़ा में राणेजी की बस्ती, तालो का गांव, जालेला, पुरोहितों की ढाणी, मेघवालों की ढाणी के अतिवृष्टि के हालात बनने पर लोगों ने घर छोड़कर बाहर निकल आए। इन गांवों को जोडऩे वाली सड़कें तबाह हो गई। जिससे संपर्क टूट चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि बीते तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। आपदा प्रबंधन के इंतजाम नहीं होने से ग्रामीण खफा है। ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारी हालात का जायजा लेने आए, मगर पानी की निकासी व राहत कार्य शुरू नहीं िए गए हैं। जबकि कई परिवार घर छोड़कर दूसरे गांवों में पलायन कर रहे हैं। शेष पेज त्न १६
अधिकारी मौके पर पहुंचे
शिव क्षेत्र के राणेजी की बस्ती, तालो का गांव, जालेला में अतिवृष्टि से उत्पन्न हुए हालात का जायजा लेने एसडीएम मोहनसिंह राजपुरोहित, तहसीलदार जगदीश आचार्य, विकास अधिकारी किशनलाल विश्नोई मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की हिदायत दी। साथ ही आवश्यक इंतजाम करने का आश्वासन दिया।
जिले में बाढ़ जैसे हालात नहीं बने है। लगातार बारिश से कुछ जगह पर पानी का भराव हुआ है। आपदा प्रबंधन के इंतजाम किए गए हैं। कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। हर स्थिति से निपटने को तैयार है। इस संबंध में सभी एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उपखंड मुख्यालय पर होमगार्ड के जवान तैनात किए गए हैं। ॥ लगातार बारिश से खरीफ की फसलें तबाह हो गई। कई कच्चे मकान ढहने से परिवार खुले आसमां तले आ गए हैं। जालेला, तालो गांव, राणेजी की बस्ती में अतिवृष्टि के हालात बन गए हैं। प्रशासन को आपदा प्रबंध के तहत पीडि़त परिवारों को सहायता देनी चाहिए। अगर जल्द यहां आपदा प्रबंध नहीं किए गए तो हालात और बिगड़ सकते हैं।ञ्ज
-गिरधरसिंह कोटड़ा, ब्लॉक भाजपा अध्यक्ष शिव
चारदीवारी से रूकी तबाही: ग्राम पंचायत कोटड़ा के जालेला, राणेजी की बस्ती, तालो का गांव में वर्ष 2006 में बाढ़ से भारी तबाही हुई थी। ग्राम पंचायत ने वर्ष 2011 में बाढ़ बहाव क्षेत्र में चारदीवारी का निर्माण करवाया। जिससे पानी का बहाव क्षेत्र बदलने से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
एनीकट व तालाब टूटे
भियाड़. कस्बे में बीते तीन दिन से हो रही मूसलाधार बारिश से अतिवृष्टि की स्थिति बनी है। रूपासरिया तालाब व एनिकट टूटने से की ढाणियां पानी से घिरी है। भियाड़ कस्बे का रायसर तालाब टूटने से रतकोडिय़ा व लंगो की ढाणी का सड़क संपर्क टूट गया। बारिश से कच्चे मकान ढहने से कई परिवार खुले आसमां तले आ गए। पानी के भराव से खरीफ फसलें चौपट होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। क्षेत्र के चोचरा, आरंग, कानासर, काश्मीर, राजबेरा, उण्डू, मौखाब समेत कई गांवों में लगातार बारिश से हालात बिगड़ रहे हैं।
॥ग्राम पंचायत के जालेला, तालो का गांव, राणेजी की बस्ती में अतिवृष्टि के हालात बने है। कई परिवारों ने अपने घर खाली कर दिए हैं। वे सामान लेकर पड़ोसी गांवों में पलायन कर गए हैं। ग्राम पंचायत ने पानी निकासी के लिए जेसीबी से रास्ता तैयार किया है। मगर हालात अभी भ विकट बने हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारी मौके पर आए थे। अभी तक आपदा प्रबंध के इंतजाम नहीं किए गए है।ञ्ज
-ईश्वरसिंह राठौड़, सरपंच कोटड़ा
-अरूण पुरोहित एडीएम बाड़मेर।
अतिवृष्टि या बाढ़ के हालात से निपटने के इंतजाम किए गए हैं। कंट्रोल रूम में सूचना मिलते ही होमगार्ड के जवानों के साथ बाढ़ बचाव की सामग्री भेजी जाएगी। फिलहाल कहीं पर बाढ़ जैसे हालात नहीं है। हमने सभी तैयारियां कर रखी है।
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