अब एसीबी करेगी गड़बड़झाले की जांच
जैसलमेर। शहरी विकास के नाम पर केवल कागजो मे सड़क, नाली व फर्श निर्माण कर लाखो रूपए का भुगतान उठाने के मामले की जांच अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो करेगा। नगरपरिषद आयुक्त आरके माहेश्वरी ने धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेजों की मदद से बिना काम करवाए ही नगरपरिषद के कोष से 56 लाख 71 हजार 488 रूपए का भुगतान उठा लेने के मामले में पुलिस में रिपोर्ट पेश की थी। पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी ने रिपोर्ट का अध्ययन कर इसे एसीबी के अन्वेष्ाण के योग्य माना।
उन्होंने जांच रिपोर्ट एसीबी को सौंपते हुए आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा है। आयुक्त माहेश्वरी ने फर्जीवाड़े के मामले मे फर्म सोना कन्सट्रक्शन कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करते हुए उसके सारे अनुबंधित काम बंद करवाकर भुगतान पर पहले ही रोक लगा दी है। गौरतलब है कि जैसलमेर मे गीता आश्रम कच्ची बस्ती मे नाली-फर्श और बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहा जाने वाले सड़क मार्ग पर कारपेट बिछाने के कार्य मे गड़बड़झाला होने और हकीकत मे वहां कार्य ही नहीं किए जाने के बावजूद कंपनी के प्रोपराइटर अमृत बेलदार की ओर से नगरपरिषद से भुगतान उठाने का मामला सामने आया था।
बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहे तक रोड की लागत करीब 38 लाख व गीता आश्रम कच्ची बस्ती में फर्श और नाली निर्माण कार्य की लागत 18 लाख आंकी गई थी। सहायक अभियंता जयसिंह परिहार की जांच रिपोर्ट के अनुसार उक्त दोनों कार्य नहीं हुए है। एमबी व बिलों पर तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता के हस्ताक्षर है, जिन्होंने एमबी व बिलों को प्रमाणित किया है।
जांच अधिकारी को बदलने से बवाल
शहरी विकास के नाम पर बिना कार्य किए ही भुगतान उठा लेने के मामले की जांच करने वाले सहायक अभियंता जयसिंह परिहार का तबादला माउंट आबू किए जाने से नगरपरिषद मे बवाल मच गया है। उनका एकाएक तबादला कर दिए जाने से नगरपरिषद पार्षदो मे विरोध के स्वर मुखर होने शुरू हो गए हैं।
नगरपरिषद बोर्ड के 21 पार्षदो ने नगरपरिषद सभापति को ज्ञापन सौंपकर सहायक अभियंता को कार्यमुक्त नहीं करने की मांग की है। पार्षद रेखाकंवर, गोपालसिंह, हरिसिंह सोढ़ा, मूलकंवर, गवरीदेवी, उगमसिंह, जगदीश चूरा, मगनसेन, सायरा, विमला, दलपत मेघवाल सहित कई पार्षदो ने ज्ञापन मे परिहार को कार्यमुक्त किए जाने पर नगरपरिषद कार्यालय मे धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
जैसलमेर। शहरी विकास के नाम पर केवल कागजो मे सड़क, नाली व फर्श निर्माण कर लाखो रूपए का भुगतान उठाने के मामले की जांच अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो करेगा। नगरपरिषद आयुक्त आरके माहेश्वरी ने धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेजों की मदद से बिना काम करवाए ही नगरपरिषद के कोष से 56 लाख 71 हजार 488 रूपए का भुगतान उठा लेने के मामले में पुलिस में रिपोर्ट पेश की थी। पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी ने रिपोर्ट का अध्ययन कर इसे एसीबी के अन्वेष्ाण के योग्य माना।
उन्होंने जांच रिपोर्ट एसीबी को सौंपते हुए आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा है। आयुक्त माहेश्वरी ने फर्जीवाड़े के मामले मे फर्म सोना कन्सट्रक्शन कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करते हुए उसके सारे अनुबंधित काम बंद करवाकर भुगतान पर पहले ही रोक लगा दी है। गौरतलब है कि जैसलमेर मे गीता आश्रम कच्ची बस्ती मे नाली-फर्श और बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहा जाने वाले सड़क मार्ग पर कारपेट बिछाने के कार्य मे गड़बड़झाला होने और हकीकत मे वहां कार्य ही नहीं किए जाने के बावजूद कंपनी के प्रोपराइटर अमृत बेलदार की ओर से नगरपरिषद से भुगतान उठाने का मामला सामने आया था।
बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहे तक रोड की लागत करीब 38 लाख व गीता आश्रम कच्ची बस्ती में फर्श और नाली निर्माण कार्य की लागत 18 लाख आंकी गई थी। सहायक अभियंता जयसिंह परिहार की जांच रिपोर्ट के अनुसार उक्त दोनों कार्य नहीं हुए है। एमबी व बिलों पर तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता के हस्ताक्षर है, जिन्होंने एमबी व बिलों को प्रमाणित किया है।
जांच अधिकारी को बदलने से बवाल
शहरी विकास के नाम पर बिना कार्य किए ही भुगतान उठा लेने के मामले की जांच करने वाले सहायक अभियंता जयसिंह परिहार का तबादला माउंट आबू किए जाने से नगरपरिषद मे बवाल मच गया है। उनका एकाएक तबादला कर दिए जाने से नगरपरिषद पार्षदो मे विरोध के स्वर मुखर होने शुरू हो गए हैं।
नगरपरिषद बोर्ड के 21 पार्षदो ने नगरपरिषद सभापति को ज्ञापन सौंपकर सहायक अभियंता को कार्यमुक्त नहीं करने की मांग की है। पार्षद रेखाकंवर, गोपालसिंह, हरिसिंह सोढ़ा, मूलकंवर, गवरीदेवी, उगमसिंह, जगदीश चूरा, मगनसेन, सायरा, विमला, दलपत मेघवाल सहित कई पार्षदो ने ज्ञापन मे परिहार को कार्यमुक्त किए जाने पर नगरपरिषद कार्यालय मे धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
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