खास रिपोर्ट ..भाग एक जैसलमेर नेताओं के सहारे भूमाफिया सरकारी जमीनों पर करा रहे कब्ज़े
जैसलमेर शहर तथा शहर से लगते इलाकों में जिले के प्रभावशाली राजनेताओं और उनके भू माफिया चमचो द्वारा अरबो रुपयों की सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर रखे हे…मजे की बात इन लोगो ने एक आध प्लाट पर पर बीसियों प्लोतों पर जगह जगह कब्ज़ा कर रखा हें ....पैसे देकर प्लाट खरीदने वालों को जमीन नहीं मिल रही ......भरष्टाचार निरोधक विभाग को जैसलमेर के जमीनों के घोटाले को उजागर कर नेक कम कर देना चाहिए ......कचची बस्तियों में आधे से अधिक नेताओ और उनके रिश्तेदारों के कब्जे हें .
शहर की कच्ची बस्तियों और आस पास के गाँवों का दौर करने पर पाया की शहर की कच्ची बस्तियों गफ्फूर भट्टा ,गीता आश्रम बस्ती ,बाबर मगरा ,ट्रांसपोर्ट नगर में जन नेता खुले आम पैसे लेकर अयिक्रमण करवा रहे .यह नेता अतिक्रमण करने के साथ बिजली ,पानी कनेक्सन दिला कर नियमन करने की गारंटी दे रहे हें .सूत्रों ने बताया की ट्रांसपोर्ट नगर के आस पास पाकिस्तान से आये भील जाति के विस्थापितों को एक पार्षद द्वारा खुले आम पैसे लेकर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करवाए जा रहे हें .विदेशी नागरिको विशेष कर पाक विस्थापितों को जिला प्रशासन की अनुमति या जानकारी में लाये बिना कब्जे करना अपराध की श्रेणी में आते हें इसके बावजूद परिषद् के अधिकारियो से मिली भगत के चलते निरंतर कब्जे हो रहे हें .सूत्रों ने नाट्य की इस सम्बन्ध में जिला प्रशासन को भी लिखित शिकायते दी गई जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई .इधर गफ्फूर भट्टे सहित गीता आश्रम ,बाबर मगर कच्ची बस्ती कोलोनियों ने सत्ताधारी पार्टी के पदाधिकारी भू माफियों से मिल कर लोगो को पैसे लेकर कब्जे करा रहे हें .कब्ज़ा करने वालो को सर्वे में नाम जुदाने के झांसे दिए जा रहे हें .जैसलमेर की जमीनों की जब से कीमते बेहतासा बड़ी हें .भू माफिया नेताओं के सहारें सक्रीय हो गए हें .सेकड़ो की तादाद में अवैध कब्जे हो रहे हें .परिषद् के अधिकारियो को जानकारी होने के बावजूद ट्रांसफर ना हो जाये इस डर से कोई कार्यवाही करने से कतरा रहे हें .सत्ताधारी पार्टी के छुटभैया नेताओं से लेकर पूर्व विधायकों तक ने करोड़ों रुपयों की सरकारी जमीनों पर अपने रिश्तेदारो के नाम से अवैध कब्जे कर रखे हें .कई मर्तबा नगर परिषद् द्वारा अतिक्रमण हटाने की फोरी कार्यवाही की गई मगर चंद गरीबो के कब्जे हटाने के अलावा इन नेताओ के कब्जो को छेडा तक नहीं .आखिर जैसलमेर की जनता जिन्हें अदद एक प्लाट की तलाश हें पैसे लेकर नियमानुसार आवंटन के लिए सेकड़ो चक्कर खा रहे हें उन्हें निराश ही हाथ लगती हें .जिला प्रशासन आखिर कब तक चुप बैठेगा .इस तरह जमीनों पर हो रहे कब्जों के चलते मास्टर प्लान भी प्रभावित हो रहा हें .इसके बावजूद सब चुप हें .
कब्ज़ा करने वाले नेताओं के नाम का खुलासा इस में कर दिया तो जगह कम पद जायेगी .अलबता सरकार को गरीबो के नाम नेताओं द्वारा मचाई जा रही लूट पर लगाम कसनी चाहिए
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जैसलमेर शहर तथा शहर से लगते इलाकों में जिले के प्रभावशाली राजनेताओं और उनके भू माफिया चमचो द्वारा अरबो रुपयों की सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर रखे हे…मजे की बात इन लोगो ने एक आध प्लाट पर पर बीसियों प्लोतों पर जगह जगह कब्ज़ा कर रखा हें ....पैसे देकर प्लाट खरीदने वालों को जमीन नहीं मिल रही ......भरष्टाचार निरोधक विभाग को जैसलमेर के जमीनों के घोटाले को उजागर कर नेक कम कर देना चाहिए ......कचची बस्तियों में आधे से अधिक नेताओ और उनके रिश्तेदारों के कब्जे हें .
शहर की कच्ची बस्तियों और आस पास के गाँवों का दौर करने पर पाया की शहर की कच्ची बस्तियों गफ्फूर भट्टा ,गीता आश्रम बस्ती ,बाबर मगरा ,ट्रांसपोर्ट नगर में जन नेता खुले आम पैसे लेकर अयिक्रमण करवा रहे .यह नेता अतिक्रमण करने के साथ बिजली ,पानी कनेक्सन दिला कर नियमन करने की गारंटी दे रहे हें .सूत्रों ने बताया की ट्रांसपोर्ट नगर के आस पास पाकिस्तान से आये भील जाति के विस्थापितों को एक पार्षद द्वारा खुले आम पैसे लेकर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करवाए जा रहे हें .विदेशी नागरिको विशेष कर पाक विस्थापितों को जिला प्रशासन की अनुमति या जानकारी में लाये बिना कब्जे करना अपराध की श्रेणी में आते हें इसके बावजूद परिषद् के अधिकारियो से मिली भगत के चलते निरंतर कब्जे हो रहे हें .सूत्रों ने नाट्य की इस सम्बन्ध में जिला प्रशासन को भी लिखित शिकायते दी गई जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई .इधर गफ्फूर भट्टे सहित गीता आश्रम ,बाबर मगर कच्ची बस्ती कोलोनियों ने सत्ताधारी पार्टी के पदाधिकारी भू माफियों से मिल कर लोगो को पैसे लेकर कब्जे करा रहे हें .कब्ज़ा करने वालो को सर्वे में नाम जुदाने के झांसे दिए जा रहे हें .जैसलमेर की जमीनों की जब से कीमते बेहतासा बड़ी हें .भू माफिया नेताओं के सहारें सक्रीय हो गए हें .सेकड़ो की तादाद में अवैध कब्जे हो रहे हें .परिषद् के अधिकारियो को जानकारी होने के बावजूद ट्रांसफर ना हो जाये इस डर से कोई कार्यवाही करने से कतरा रहे हें .सत्ताधारी पार्टी के छुटभैया नेताओं से लेकर पूर्व विधायकों तक ने करोड़ों रुपयों की सरकारी जमीनों पर अपने रिश्तेदारो के नाम से अवैध कब्जे कर रखे हें .कई मर्तबा नगर परिषद् द्वारा अतिक्रमण हटाने की फोरी कार्यवाही की गई मगर चंद गरीबो के कब्जे हटाने के अलावा इन नेताओ के कब्जो को छेडा तक नहीं .आखिर जैसलमेर की जनता जिन्हें अदद एक प्लाट की तलाश हें पैसे लेकर नियमानुसार आवंटन के लिए सेकड़ो चक्कर खा रहे हें उन्हें निराश ही हाथ लगती हें .जिला प्रशासन आखिर कब तक चुप बैठेगा .इस तरह जमीनों पर हो रहे कब्जों के चलते मास्टर प्लान भी प्रभावित हो रहा हें .इसके बावजूद सब चुप हें .
कब्ज़ा करने वाले नेताओं के नाम का खुलासा इस में कर दिया तो जगह कम पद जायेगी .अलबता सरकार को गरीबो के नाम नेताओं द्वारा मचाई जा रही लूट पर लगाम कसनी चाहिए
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