बढती जनसँख्या लील रही है पर्यावरण को : खान
-विश्व जनसँख्या दिवश पर कार्यक्रम आयोजित
- बच्चो ने ली पर्यावरण सरक्षण की शपथ
बाड़मेर ,जब भी बचपन में कोई निबंध याद करते थे जनसँख्या से सम्बंधित तो उसमे इसके कारण में एक बड़ा कारण ''अशिक्षा''लिखा जाता था और हमें जब भी कोई अनपढ़ दिखाई देता था हम उसे देख कर देश की ख़राब स्थिति के लिए जिम्मेदार मान लेते थे पर आज जब हमें कहने को काफी समझ आ चुकी है तब हम अपने आस पास के बहुत से ऐसे परिवार देख रहे हैं जो कहने को सुशिक्षित है,सभ्य हैं और उनके बहुत बड़े बड़े परिवार हैं.भारतीय समाज बेटे के होने तक बच्चे करता ही रहता है और अब ये लालसा इतनी आगे बढ़ चुकी है कि एक बेटा हो जाये तो कहा जाता है कि ''दो तो होने ही चाहियें''. हालत न केवल देश की अकर्त व्यवस्था बल्कि विश्व के पर्यावरण के लिए भी घातक है यह कहना है मदरसा फेजे जकारिया जुनेजो की बस्ती के प्रबंधक कायम्दीन खान जुनेजा का , खान ने यह बात सीसीडीयू के आईइसी अनुभाग द्वारा विश्व जनसँख्या दिवश पर आयोजित शपथ पर्यावरण बचाने की कार्यक्रम में कही . उन्होंने कहा कि पर्यावरण अर्थात हमारे चंहूँ ओर का आवरण हमारी कृत्यों के कारण हमारे लिए विपदाजनक बन गया है.हमारी ओजोन परत जो हमारी रक्षक है स्वयं उस पर खतरा मंडरा रहा है.पर्यावरण के सम्बन्ध में यूँ तो चिंता विश्वव्यापी है परन्तु आज हम अपने देश के संदर्भ में विचार करें तो स्थिति बहुत अधिक विस्फोटक दिखाई देती है.कारण हमारी निरंतर बढ़ती जनसँख्या और सीमित साधन.आज जब हम दुनिया में जनसँख्या के दृष्टिकोण से बस चीन से पीछे हैं और अनुमान है कि 2050 तक हमारा देश विश्व में जनसँख्या का दृष्टिकोण से शीर्ष पर होगा. विश्व के क्षेत्रफल का मात्र 2.4% और विश्व की जनसँख्या का 18% संसाधनों के मामले में हम आज भी विकासशील हैं.इतनी विशाल जनसंख्या की आवश्यकताओं को पूर्ण करना बहुत दुष्कर है.परिणामस्वरूप हमारे उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों पर दवाब बढ़ रहा है। सीसीडीयू के आईइसी कंसल्टेंट अशोक सिंह राजपुरोहित ने बताया की इस मोके पर बच्चो को पर्यावरण संरक्षण का शपथ कार्यक्रम आयोजित भी किया गया .
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