जातियों की रैलियां करने पर लगा बैन
लखनऊ। जाति के नाम पर राजनीति करने वालों को तगड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश में नेता अब जातियों की रैलियां नहीं कर पाएंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जाति आधारित रैलियों पर रोक लगा दी है।
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केन्द्र,यूपी सरकार,चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। भाजपा,कांग्रेस,बसपा और सपा को भी नोटिस जारी किया है। न्यायाधीश उमा नाथ सिंह और न्यायाधीश महन्द्र दयाल की पीठ ने कहा कि जाति के आधार पर होने वाली रैलियां समाज को बांटती है,इसलिए राजनीतिक दलों को जातियों की रैलियां नहीं करनी चाहिए।
याचिका स्थानीय वकील मोतिलाल यादव ने दाखिल की थी। सपा,बसपा,कांग्रेस और भाजपा ने कोर्ट के फैसला का स्वागत किया है। बसपा ने राज्य के 40 जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित किए थे। 7 जुलाई को बसपा सुप्रीमो और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ब्राह्मणों का समर्थन लेने के लिए लखनऊ में एक रैली की थी। सपा ने भी हाल में लखनऊ में मुस्लिम सम्मेलन आयोजित किया था।
आगामी लोकसभा चुनाव में अब काफी कम वक्त बचा है,ऎसे में कोर्ट का यह फैसला काफी महत्वपूर्ण है। यूपी में लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटें हैं। उत्तर भारत में खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार में ज्यादातर पार्टियां जाति आधारित राजनीति करती हैं।
लखनऊ। जाति के नाम पर राजनीति करने वालों को तगड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश में नेता अब जातियों की रैलियां नहीं कर पाएंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जाति आधारित रैलियों पर रोक लगा दी है।
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केन्द्र,यूपी सरकार,चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। भाजपा,कांग्रेस,बसपा और सपा को भी नोटिस जारी किया है। न्यायाधीश उमा नाथ सिंह और न्यायाधीश महन्द्र दयाल की पीठ ने कहा कि जाति के आधार पर होने वाली रैलियां समाज को बांटती है,इसलिए राजनीतिक दलों को जातियों की रैलियां नहीं करनी चाहिए।
याचिका स्थानीय वकील मोतिलाल यादव ने दाखिल की थी। सपा,बसपा,कांग्रेस और भाजपा ने कोर्ट के फैसला का स्वागत किया है। बसपा ने राज्य के 40 जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित किए थे। 7 जुलाई को बसपा सुप्रीमो और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ब्राह्मणों का समर्थन लेने के लिए लखनऊ में एक रैली की थी। सपा ने भी हाल में लखनऊ में मुस्लिम सम्मेलन आयोजित किया था।
आगामी लोकसभा चुनाव में अब काफी कम वक्त बचा है,ऎसे में कोर्ट का यह फैसला काफी महत्वपूर्ण है। यूपी में लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटें हैं। उत्तर भारत में खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार में ज्यादातर पार्टियां जाति आधारित राजनीति करती हैं।
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