"अफेयर के दौरान हुआ सेक्स रेप नहीं"
नई दिल्ली। अगर कोई महिला लव अफेयर के दौरान प्रेगनेंट हो जाती है तो वह पुरूष पर रेप का आरोप नहीं लगा सकती। बोम्बे हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है। न्यायाधीश साधना जाधव ने बोरीवली में रहने वाले मनेष कोटियान को गिरफ्तारी और सजा के तीन साल बाद बलात्कार के आरोपों से बरी कर दिया।
न्यायाधीश ने कहा कि यह तथ्य है कि क्रास एग्जामिनेशन के दौरान अभियोजन ने यह कबूल किया था कि उसका आरोपी से प्रेम प्रसंग चल रहा था और वह उससे शादी करना चाहती थी। इन परिस्थितियों में आईपीसी की धारा 376 के तहत अपराध आवश्यक रूप से असफल हो जाता है। कोटियान के खिलाफ लगाए गए आरोप अरक्षणीय हैं।
कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने लड़की को प्रपोज किया था। शिकायतकर्ता शिक्षित वयस्क लड़की है। उसे इस बात का पता था कि कोटियान उसके प्रति आकर्षित था। वह उसके साथ गोरई गई। वह अपना जन्मदिन मनाने के लिए आरोपी के साथ होटल में भी गई थी। उसे परिणामों के बारे में पता था। वह मदद के लिए नहीं चिल्लाई। वह अपने प्रतिरोध को तार्कित अंत तक नहीं ले गई। ऎसे में यह न्यायोचित नहीं है कि कि सहमति धमका कर ली गई थी।
नई दिल्ली। अगर कोई महिला लव अफेयर के दौरान प्रेगनेंट हो जाती है तो वह पुरूष पर रेप का आरोप नहीं लगा सकती। बोम्बे हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है। न्यायाधीश साधना जाधव ने बोरीवली में रहने वाले मनेष कोटियान को गिरफ्तारी और सजा के तीन साल बाद बलात्कार के आरोपों से बरी कर दिया।
न्यायाधीश ने कहा कि यह तथ्य है कि क्रास एग्जामिनेशन के दौरान अभियोजन ने यह कबूल किया था कि उसका आरोपी से प्रेम प्रसंग चल रहा था और वह उससे शादी करना चाहती थी। इन परिस्थितियों में आईपीसी की धारा 376 के तहत अपराध आवश्यक रूप से असफल हो जाता है। कोटियान के खिलाफ लगाए गए आरोप अरक्षणीय हैं।
कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने लड़की को प्रपोज किया था। शिकायतकर्ता शिक्षित वयस्क लड़की है। उसे इस बात का पता था कि कोटियान उसके प्रति आकर्षित था। वह उसके साथ गोरई गई। वह अपना जन्मदिन मनाने के लिए आरोपी के साथ होटल में भी गई थी। उसे परिणामों के बारे में पता था। वह मदद के लिए नहीं चिल्लाई। वह अपने प्रतिरोध को तार्कित अंत तक नहीं ले गई। ऎसे में यह न्यायोचित नहीं है कि कि सहमति धमका कर ली गई थी।
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