एसीबी पहुंची नगर परिषद!
जैसलमेर। नगरपरिषद मे शुक्रवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के उपाधीक्षक व नगरपरिषद आयुक्त की शुक्रवार को बंद कमरे मे काफी देर चली वार्ता दिन भर चर्चा का विषय बनी रही। दोनो के वार्तालाप को हाल ही सुर्खियो मे आए कागजो मे सड़क, नाली व फर्श निर्माण कर लाखो रूपए का फर्जी भुगतान उठाने के मामले से जोड़कर देखा जा रहा है। इस मामले की जांच अब एसीबी कर रही है।
हालांकि एसीबी के उपाधीक्षक केडी चारण व नगरपरिषद आयुक्त आरके माहेश्वरी ने इस वार्तालाप को किसी पुराने मामले को लेकर हुई चर्चा बताया है, लेकिन इस मामले के उजागर होने के बाद एसीबी की ओर से सुपुर्द की गई जांच के तुरंत बाद एसीबी के उपाध्यक्ष का नगरपरिषद पहुंचना जांच के रूप मे भी देखा जा रहा है। गौरतलब है कि धोखाधड़ी से बिना काम करवाए ही नगरपरिषद के कोष से 56 लाख 71 हजार 488 रूपए का भुगतान उठा लेने के मामले में पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी ने रिपोर्ट का अध्ययन कर जांच रिपोर्ट आवश्यक कार्रवाई के लिए एसीबी को सौंप दी थी।
गौरतलब है कि आयुक्त माहेश्वरी ने फर्जीवाड़े के मामले मे फर्म सोना कन्सट्रक्शन कंपनी को ब्लेक लिस्टेड करते हुए उसके सारे अनुबंधित काम बंद करवाकर भुगतान पर पहले ही रोक लगा दी है।
जैसलमेर मे गीता आश्रम कच्ची बस्ती मे नाली-फर्श और बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहा जाने वाले सड़क मार्ग पर कारपेट बिछाने के कार्य मे गड़बड़झाला होने के बावजूद कंपनी के प्रोपराइटर अमृत बेलदार की ओर से नगरपरिषद से भुगतान उठाने का मामला सामने आया था।
बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहे तक रोड की लागत करीब 38 लाख व गीता आश्रम कच्ची बस्ती में फर्श और नाली निर्माण कार्य की लागत 18 लाख आंकी गई थी। सहायक अभियंता जयसिंह परिहार की जांच रिपोर्ट के अनुसार उक्त दोनों कार्य नहीं हुए है।
एमबी व बिलों पर तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता के हस्ताक्षर है, जिन्होंने एमबी व बिलों को प्रमाणित किया है। एसीबी के उपाधीक्षक चारण का कहना है कि मामले को मुख्यालय मे पंजीयन के लिए भेजा गया है। परिवाद पंजीयन होने के बाद सत्यापन सही पाए जाने पर मामला दर्ज होगा।
जैसलमेर। नगरपरिषद मे शुक्रवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के उपाधीक्षक व नगरपरिषद आयुक्त की शुक्रवार को बंद कमरे मे काफी देर चली वार्ता दिन भर चर्चा का विषय बनी रही। दोनो के वार्तालाप को हाल ही सुर्खियो मे आए कागजो मे सड़क, नाली व फर्श निर्माण कर लाखो रूपए का फर्जी भुगतान उठाने के मामले से जोड़कर देखा जा रहा है। इस मामले की जांच अब एसीबी कर रही है।
हालांकि एसीबी के उपाधीक्षक केडी चारण व नगरपरिषद आयुक्त आरके माहेश्वरी ने इस वार्तालाप को किसी पुराने मामले को लेकर हुई चर्चा बताया है, लेकिन इस मामले के उजागर होने के बाद एसीबी की ओर से सुपुर्द की गई जांच के तुरंत बाद एसीबी के उपाध्यक्ष का नगरपरिषद पहुंचना जांच के रूप मे भी देखा जा रहा है। गौरतलब है कि धोखाधड़ी से बिना काम करवाए ही नगरपरिषद के कोष से 56 लाख 71 हजार 488 रूपए का भुगतान उठा लेने के मामले में पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी ने रिपोर्ट का अध्ययन कर जांच रिपोर्ट आवश्यक कार्रवाई के लिए एसीबी को सौंप दी थी।
गौरतलब है कि आयुक्त माहेश्वरी ने फर्जीवाड़े के मामले मे फर्म सोना कन्सट्रक्शन कंपनी को ब्लेक लिस्टेड करते हुए उसके सारे अनुबंधित काम बंद करवाकर भुगतान पर पहले ही रोक लगा दी है।
जैसलमेर मे गीता आश्रम कच्ची बस्ती मे नाली-फर्श और बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहा जाने वाले सड़क मार्ग पर कारपेट बिछाने के कार्य मे गड़बड़झाला होने के बावजूद कंपनी के प्रोपराइटर अमृत बेलदार की ओर से नगरपरिषद से भुगतान उठाने का मामला सामने आया था।
बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहे तक रोड की लागत करीब 38 लाख व गीता आश्रम कच्ची बस्ती में फर्श और नाली निर्माण कार्य की लागत 18 लाख आंकी गई थी। सहायक अभियंता जयसिंह परिहार की जांच रिपोर्ट के अनुसार उक्त दोनों कार्य नहीं हुए है।
एमबी व बिलों पर तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता के हस्ताक्षर है, जिन्होंने एमबी व बिलों को प्रमाणित किया है। एसीबी के उपाधीक्षक चारण का कहना है कि मामले को मुख्यालय मे पंजीयन के लिए भेजा गया है। परिवाद पंजीयन होने के बाद सत्यापन सही पाए जाने पर मामला दर्ज होगा।
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