शनिवार, 27 जुलाई 2013

सच्चाई परेशान हो सकती है, परास्त नहीं: आचार्य महाश्रमण


सच्चाई परेशान हो सकती है, परास्त नहीं: आचार्य महाश्रमण 

कन्या मंडल के राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन 

लाडनूं
आचार्य महाश्रमण ने कहा है कि जीवन कितना मिले, इससे ज्यादा महत्व इस बात का है कि जीवन को कैसे जिया जाए। जिस व्यक्ति के जीवन में अध्यात्म होता है, वह छोटे से जीवन में भी बहुत बड़ा काम कर जाता है। सच्चाई परेशान हो सकती है मगर परास्त नहीं हो सकती, इसलिए सच्चाई का रास्ता कभी नहीं छोडऩा चाहिए। कन्या मंडल के दसवें राष्ट्रीय अधिवेशन के आखिरी दिन 'आओ जीना सीखें' विषय पर सत्र को संबोधित करते हुए सुधर्मा सभा में उन्होंने एक मुक्तक 'सांस का दीपक जलता झंझावात में' प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि कन्याओं में सच्चाई के प्रति निष्ठा जगे, इसके लिए उन्हें सांस तथा मनोबल को जागृत करना होगा। कन्याओं के समुचित विकास के लिए कुछ सूत्रों को अपनाने की जरूरत है। ये सूत्र हैं- ईमानदारी का विकास, संयम का विकास, सहिष्णुता का विकास, अहिंसा का विकास और जीने की कला का विकास। उन्होंने राजनीति के बारे में कहा कि राजनीति में गुणवत्ता बनी रहनी चाहिए। नैतिक मूल्यों पर आधारित राजनीति होती है तभी देश नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकता है। मंत्री मुनि सुमेरमल ने धैर्य, पुरुषार्थ, सकारात्मक सोच आदि गुणों का विकास करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि जीवन को ऐसे जीएं कि जब हम पीछे मुड़कर देखें या बुढ़ापे में अतीत का चिंतन करें तो उससे तृप्ति मिले। हरियाणा की सांसद सावित्री जिंदल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि कन्याओं का पहनावा अच्छा होना चाहिए तथा उनमें ऐसे गुणों का विकास होना चाहिए कि वे समाज के लिए गौरव बन सकें। तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सूरज बरडिय़ा ने कन्या मंडल के आंकड़े प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में समस्त कन्याओं को आचार्य महाश्रमण की पुस्तक 'आओ ह

अंतरजातीय विवाह की हानियां गिनाईं

आचार्य महाप्रज्ञ सभागार में अधिवेशन के दूसरे सत्र में मुंबई के फिल्म निर्माता युगराज जैन ने कन्याओं को अंतरजातीय विवाहों की हानियों के बारे में समझाया। उन्होंने 'प्रेम विवाह क्यों असफल होते हैं' के बारे में बताते हुए उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया। जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ. आनंदप्रकाश त्रिपाठी ने कन्याओं को विश्वविद्यालय और विभिन्न पाठ्यक्रमों के बारे में बताया। कन्या मंडल अधिवेशन में कन्याओं ने जूट बैग प्रदर्शन, पतंग द्वारा पर्यावरण संदेश का प्रदर्शन ओर बचपन कार्यशाला प्रदर्शनी भी लगाई जिसे खूब सराहा गया। श्रेष्ठ प्रदर्शन व कार्यक्रम संचालन के लिए कन्या मंडल मुंबई और सूरत को देशभर में प्रथम स्थान, गुलाब बाग आसाम को द्वितीय स्थान तथा नोखा (बीकानेर) को तृतीय स्थान प्रदान किया गया।

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