रिफाइनरी की घोषणा के बाद पचपदरा एवं जसोल में
बाड़मेर । बाड़मेर में रिफाइनरी लगाने की घोषणा के बाद संपत्तियों की खरीद -फरोख्त में हुए फर्जीवाड़े एवं रजिस्ट्री नियमों की अनदेखी के मामले में जांच प्रारंभ हो गई है। पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने जांच शुरू कर दी।
रिफाइनरी की घोषणा के बाद पचपदरा एवं जसोल में जमीन की खरीद -फरोख्त में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ था। प्रभावशाली लोगों ने गरीब किसानों एवं अन्य लोगों के नाम से रिफाइनरी के आसपास की जमीन खरीद ली। संपत्तियों के दस्तावेजों की रजिस्ट्री में भी नियमों की अनदेखी की गई। राज्य में रजिस्ट्री एनीव्हेर की व्यवस्था नहीं होने के बावजूद पचपदरा एवं जसोल में उप पंजीयकों ने अपने क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर अनेक संपत्तियों के दस्तावेजों की रजिस्ट्री कर दी।
दस्तावेजों की संख्या अधिक
विभाग द्वारा क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर रजिस्ट्री प्रकरणों की जांच के लिए गठित समिति ने पिछले दिनों पचपदरा एवं जसोल जाकर दस्तावेजों को खंगाला। समिति में पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग जोधपुर के उप महानिरीक्षक भूराराम, अजमेर मुख्यालय में कार्यरत उपविधि परामर्शी सूर्यप्रकाश पुरोहित एवं वरिष्ठ लेखाधिकारी लक्ष्मण टिलवानी को शामिल किया गया है। तीनों अधिकारियों ने पचपदरा एवं जसोल में नियुक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों से भी पूछताछ की। दस्तावेजों की अधिक संख्या के चलते समिति कुछ दिनों में एक बार फिर वहां जाकर जांच करेगी।
राज्य सरकार ने पचपदरा एवं जसोल में संपत्तियों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी। अधिकारियों के अनुसार जांच पूरी होने से पहले दोनों क्षेत्रों में संपत्तियों की रजिस्ट्री से रोक हटाने की संभावना नहीं है। नियम विरूद्ध रजिस्ट्री एवं संबंधित अधिकारियों की भूमिका का पता लगाने के लिए विभाग ने 17 जुलाई को तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी थी।
इनका कहना है
राज्य सरकार ने पचपदरा एवं जसोल में संपत्तियों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी। अधिकारियों के अनुसार जांच पूरी होने से पहले दोनों क्षेत्रों में संपत्तियों की रजिस्ट्री से रोक हटाने की संभावना नहीं है। नियम विरूद्ध रजिस्ट्री एवं संबंधित अधिकारियों की भूमिका का पता लगाने के लिए विभाग ने 17 जुलाई को तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी थी।
इनका कहना है
समिति ने जांच प्रारंभ कर दी है। दस्तावेजों की संख्या काफी अधिक है। लिहाजा कुछ समय लगना स्वाभाविक है। रिपोर्ट के लिए कोई समय सीमा निर्घारित नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि जांच शीघ्र पूरी हो जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। रामखिलाड़ी मीणा, महानिरीक्षक, पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग राजस्थान।
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