शनिवार, 15 जून 2013

वो "मां दुर्गा" संग रचाएगी विवाह

वो "मां दुर्गा" संग रचाएगी विवाह

जशपुरनगर।सौ कां सुनीता टोप्पो संग चि.मां दुर्गा, का विवाह 17 जून 13 को संपन्न होने जा रहा रहा है। आप सभी विवाह समारोह में सादर आमंत्रित है। जशपुर जिले के फरसाबहार विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम बांसाझाल में संपन्न होने जा रहे एक अनोखी शादी के निमंत्रण कार्ड का मजनूंम कुछ ऎसा ही है। इस अनोखे विवाह की तैयारी में वधू सुनीता के माता पिता समेत परिजन जोरशोर में जुटे हुए हैं।


बांसाझाल निवासी सुरेन्द्र टोप्पो और उनकी पत्नी सुगंती हिंदू उरांव जाति के है। बांसाझाल जैसे छोटे से गांव की रहने वाली मासूम सुनीता,गांव के बाहर की दुनिया तो दूर जशपुर भी ठीक से नहीं घूमी है, लेकिन उसे मां दुर्गा के सारे शक्तिपीठों के संबंध में पूरी जानकारी है। ग्रामीणों के मुताबिक वापस आने पर सुनीता किसी एक शक्तिपीठ से माता दुर्गा का दर्शन कर वापस आने की बात कहते हुए,उस शक्तिपीठ के संबंध का जीवंत तस्वीर बयां करने लगती है।

अनोखे विवाह का साक्षी बनेगा बांसाझाल


सुनीता के पिता सुरेन्द्र ने बताया कि एक माह पहले एक दिन अचानक सुनीता घर से गायब हो गई और वापस आने पर माता दुर्गा से विवाह रचाने की जिद करने लगी। सुनीता ने परिजनों को बताया कि माता दुर्गा ने उसे विवाह रचाने का आदेश दिया है। विवाह ना रचाने पर माता ने उसे हमेशा के लिए पाताल लोक ले जाने की चेतावनी भी दी है।

लंबे कश्मकश के बाद सुनीता के माता पिता और उसके परिजन इस विवाह के लिए रजामंद हुए। 17 जून को विवाह का मुहूर्त तय कर तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं सुनीता भी इस विवाह से काफी प्रसन्न हंै। अपने हाथों में माता दुर्गा के नाम की मेहंदी रचाने के लिए सुनीता बेताब है। परिजनों के साथ बांसाझाल और आसपास के श्रद्वालु ग्रामीण विवाह की तैयारी में जुटे हुए हैं।


मेरा जीवन माता दुर्गा के लिए है


 "दुल्हन" सुनीता ने कहा कि पाताल लोक में मां दुर्गा की दिव्य रूप का साक्षात् दर्शन करने के बाद उसे अब मां दुर्गा के सिवाय कुछ भी दिखाई नहीं देता है। माता के आदेश के मुताबिक ही वह मां दुर्गा से विवाह रचाने जा रही है। सुनीता का कहना है कि उसका पूरा जीवन ही इस सारे जगत की जननी मां दुर्गा को समर्पित है। शादी के बाद घर में ही रहकर आजीवन माता दुर्गा की सेवा करने की बात भी सुनीता ने कही। सुनीता के इस अनोखी भक्ति को अपने लिए सौभाग्य बताते हुए सुनीता के माता पिता भी अभिभूत है।

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