गुरुवार, 6 जून 2013

"राजस्थानी" के लिए आर-पार की लड़ाई



"राजस्थानी" के लिए आर-पार की लड़ाई

चन्दन सिंह भाटी सहित 22 जने होंगे सम्मानित

बाडमेर। राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता की मांग को लेकर 8 जून को बाडमेर के महात्मा ईसरदास चारण छात्रावास परिसर में राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति महोत्सव का आयोजन होगा। इसी दिन संघर्ष की भावी रणनीति भी तय की जाएगी। 

महोत्सव के मुख्य आयोजक अर्जुन देथा का कहना है कि महोत्सवके पश्चात भी इस मांग को लेकर प्रदेशभर में आयोजनों का दौर चलेगा जो प्रदेश का राजनीतिक माहौल बदलकर रख देगा। उन्होंने कहा कि राजस्थानी की मान्यता से कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं होगा तथा दिल्ली एवं राजस्थान में सरकार के समक्ष चुनौती खड़ी की जाएगी।


जोधपुर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति तथा राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति विकास संस्थान की ओर से आयोजित हो रहे इस महोत्सव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। महोत्सव के मुख्य आयोजक अर्जुन देथा तथा समिति के प्रदेशमहामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ का दावा है कि महोत्सव में बाडमेर जैसलमेर जोधपुर पाली जालौर सिरोही नागौर और बीकानेर जिलों सहित राज्य के अन्य हिस्सों एवं सीमावर्ती राज्यों से भी हजारों की तादाद में लोग जुटेंगे।


22 लोग होंगे सम्मानित

महोत्सव में राजस्थानी भाषा,साहित्य तथा संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 16 लोगों को राजस्थानी रत्न सम्मान दिया जाएगा। यह सम्मान पद्मश्री विजयदान देथा संघर्ष समिति के संस्थापक तथा अंतरराष्ट्रीय संगठक लक्ष्मणदान कविया राजस्थानी साहित्यिक पत्रिका "अपरंच" के संपादक पारस अरोडा "कथेसर" के संपादक रामस्वरूप किसान राजस्थानी दैनिक "राजस्थान री पाती" के संपादक आनंद पुरोहित वरिष्ठ मीडियाकर्मी चंदनसिंह भाटी प्रसिद्ध लेखक व इतिहासकार नाहरसिंह जसोल शिक्षाविद् तथा साहित्यकार डॉ. शक्तिदान कविया तथा राजस्थानी साहित्यकार डूंगरदान आसिया महादान भादरेस रामदान सांगड अम्बादान घूहड खीमदान बारहठ साहित्यकार मूलाराम चौधरी तथा बाबूसिंह राठौड़ जेठ मॉल पुरोहित ,ओम प्रकाश गर्ग ,खुशाल नाथ धीर ,नखत दान बारहट और रिडमल दान को प्रदान किया जाएगा। --

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