शनिवार, 29 जून 2013

एमपी में जान ले रहा है इश्क का जुनून



एमपी में जान ले रहा है इश्क का जुनून
भोपाल। मध्यप्रदेश में इश्क की आग जिंदगी पर भारी पड़ रही है। यहां प्यार में फेल हो रहे युवक-युवतियां जिंदगी खत्म करने में लगे हैं। आत्महत्या के ऎसे मामलों में प्रदेश का स्थान देश में तीसरा है। हर रोज लगभग एक टूटा दिल मौत को गले लगा रहा है।

ये चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वर्ष 2012 की रिपोर्ट में। रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में जहां प्रदेश नंबर वन है, वहीं प्रेम प्रसंग में जान देने वालों का भी आंकड़ा यहां कम नहीं है।

प्रदेश में बीते साल 355 लोगों ने प्यार में असफल होने पर आत्महत्या की। इनमें 187 पुरूष और 168 महिलाएं थी। आत्महत्या करने वालों में 18 से 28 वर्ष की उम्र का युवा वर्ग ज्यादा है। औसतन पुरूष भी महिलाओं के बराबर है। देश में 3849 लोगों ने प्रेम प्रसंगों में नाकामी की वजह से आत्महत्या की है।

अस्मत खोने पर जान दी : प्रदेश में 76 महिला-युवती ने दुष्कर्म के कारण आत्महत्या की। अप्राकृतिक कृत्य के शिकार 12 युवकों ने भी जान दे दी। अवैध संबंधों के कारण 175 लोगों ने आत्महत्या कर ली। इनमें 55 महिला और 67 पुरूष थे। इसमें ग्वालियर में 31, जबलपुर में 23, इंदौर में 4 व भोपाल में दो आत्महत्या हुई।

एक्सपर्ट व्यू-
प्यार एक भावनात्मक रिश्ता होता है, जिसमें अलगाव होने पर युवा आत्मघाती कदम उठा लेते हैं। परिजनों को शंका हो तो तुरंत संबंधित की काउंसलिंग कराना चाहिए।
- डॉ. वीएस पाल, वरिष्ठ मनोचिकित्सक,एमजीएम मेडिकल कॉलेज

ये हैं टॉप 5
असम 494
तमिलनाडु 488
मध्यप्रदेश 355
ओडिशा 325
कर्नाटक 316
(आंकड़े प्रेम में आत्महत्या के)


यहां बिल्कुल नहीं
लक्षद्वीप, दमनद्वीप, नागालैंड व मिजोरम ऎसे राज्य हैं जहां प्रेम प्रसंग के चलते आत्महत्या किए जाने का एक भी मामला 2012 में दर्ज नहीं हुआ। जबकि चंडीगढ़ में सिर्फ एक केस ही मिला।

जबलपुर में ज्यादा
शहर महिला पुरूष
जबलपुर 29 17
इंदौर 10 09
भोपाल 12 05
ग्वालियर 03 02

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