रविवार, 9 जून 2013

एचआईवी पॉजिटिव सालों तक करता और करवाता रहा पत्नी का रेप

एचआईवी पॉजिटिव सालों तक करता और करवाता रहा पत्नी का रेप

मुंबई. बांद्रा में एक एचआईवी पॉजिटिव इंसान के कई सालों तक पत्नी के साथ रेप करने का मामला सामने आया है। यही नहीं, उसने अपनी पत्नी को दूसरे व्यक्ति के साथ सोने के लिए भी मजबूर किया। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब पति के अत्याचारों से तंग आकर पत्नी ने बांद्रा की एक फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दायर की। अदालत ने मामले में अधिकतम क्रूरता का हवाला देते हुए तलाक को मंजूरी दे दी। इस तरह पत्नी को पति के अत्याचारों से मुक्ति मिली।
आरोपी पति ने एक साहूकार से कर्ज भी लिया हुआ था। कर्ज न चुका पाने की हालत में वह अपनी पत्नी को उस आदमी के साथ सोने के लिए मजबूर करता था। हालांकि, बोरीवली निवासी 30 साल की पत्नी ने अपने 38 साल के कुर्ला निवासी पति से तलाक लेने के लिए उसके एचआईवी पॉजिटिव होने का हवाला नहीं दिया था, लेकिन फैमिली कोर्ट के जज पीएल पालसिंगनकर ने मामले को अत्यधिक क्रूरता भरा बताया। उनके मुताबिक पति ने अपने एचआईवी पॉजिटिव होने के बावजूद पत्नी से जबरन सेक्स किया और उसकी मर्जी के खिलाफ दूसरे व्यक्ति के साथ उसे सोने के लिए भी मजबूर किया।

दोनों की शादी फरवरी 1998 में विले पार्ले में हुई थी और उनके दो बच्चे हैं। पत्नी की दाखिल की गई अर्जी के मुताबिक शादी के कुछ महीनों बाद तक तो उसके साथ अच्छा व्यवहार किया गया, लेकिन बाद में उसके पति ने अपना असली रंग दिखाना शुरू किया। वह उसे छोटी-छोटी बातों पर डांटने-पीटने लगा। यही नहीं, वह जुआ खेलने और वेश्याओं के पास जाने के लिए रात-रात भर घर से बाहर रहता।

अप्रैल 2002 में उसके एचआईवी पॉजिटिव होने का पता चला, लेकिन उसने अपनी पत्नी से यह बात छुपाए रखी और अक्टूबर में यह बात सामने आने तक उसके साथ अनसेफ सेक्स करता रहा। इसके बाद दिसंबर में उनका परिवार पति के पैतृक गांव रत्नागिरी में शिफ्ट हो गया। गांव में आजीविका का साधन न होने के चलते परिवार चलाने में दिक्कत आने लगी। इसे देखते हुए पति ने एक स्थानीय साहूकार से कुछ रकम उधार ले ली।

मार्च 2003 में साहूकार उसके घर पर पैसा मांगने आया। उधार न चुका पाने पर वह दो हफ्ते बाद फिर से घर पर आया और पीड़ित महिला के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। जब महिला ने अपने पति को यह बात बताई तो उसने कहा कि उसके कहने पर ही साहूकार घर आया था। आरोपी पति ने अपनी पत्नी ने कहा कि अगर वह ठीक समझती है तो साहूकार को खुश कर दे।

महिला ने बताया है कि वह अगस्त 2003 में प्रेग्नेंट हुई, लेकिन उसके पति ने यह कहकर गर्भपात करवा दिया कि यह साहूकार का हो सकता है। इसके बाद पति ने दोबारा से पत्नी से संबंध बनाना चाहा और मना करने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी। यह देखते हुए महिला 2008 में अपने माता-पिता के घर मुंबई भाग गई। इसके बाद उसके पति ने उसकी कोई सुध नहीं ली। अदालत में उसके पति ने आरोपों को गलत बताया, लेकिन वह अपनी बात को साबित नहीं कर सका। इसे देखते हुए उन्हें तलाक दे दिया गया।

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