शुक्रवार, 7 जून 2013

सांचौर छह दशक बीते, साकार नहीं हुआ कॉलेज का सपना


छह दशक बीते, साकार नहीं हुआ कॉलेज का सपना 

सांचौर कॉलेज शिक्षा की दृष्टि से पिछड़े सांचौर उपखंड मुख्यालय पर लंबे समय से कॉलेज खोलने की मांग पर सुनवाई नहीं हो रही। आजादी के छह दशक बाद भी कॉलेज शिक्षा की सुविधा नहीं मिलने से बारहवीं के बाद अधिकांश छात्र-छात्राओं को पढ़ाई बीच में ही छोडऩी पड़ती है या निजी कॉलेजों में महंगी फीस की मार से बचने के लिए स्वयंपाठी छात्र के रूप में आवेदन करने को मजबूर होना पड़ता है। उपखंड मुख्यालय पर महाविद्यालय के साथ आईटीआई खोलने की मांग भी कई बार की जा चुकी है लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। 

कॉलेज खुलने से युवाओं में शिक्षा के प्रति बढ़ेगा रुझान : सांचौर उपखंड मुख्यालय पर राजकीय महाविद्यालय खुलने से दूर-दराज क्षेत्र के गांव के बच्चों को उपखंड मुख्यालय पर ही कॉलेज स्तरीय पढ़ाई नसीब हो सकेगी।

बजट की थी मांग

॥उपखंड मुख्यालय पर राजकीय महाविद्यालय खोलने की मांग को लेकर पंचायत समिति में कई बार प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार व जिला परिषद को भेजा है, वहीं भंवतड़ा सूखा बंदरगाह को विकसित करने के लिए बजट की मांग की, मगर इस मुद्दे पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। डॉ. शमशेर अली, प्रधान पंचायत समिति सांचौर ।

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