शुक्रवार, 21 जून 2013
सेना ने खोला केदारनाथ का रास्ता
नई दिल्ली। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सेना ने सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक का रास्ता शुक्रवार को खोल दिया जहां से केदारनाथ का पैदल मार्ग शुरू होता है और प्राकृतिक आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुए इस मंदिर के आसपास अब भी एक हजार लोग फंसे हुए हैं। सेना के सूत्रों ने बताया कि मुसीबत में फंसे इन लोगों को निकालने का काम अब शुरू हो गया है।सेना के छाताधारी सैनिक अपने विशेष पर्वतारोहण उपकरणों के साथ पहुंच गए हैं और वे खतरनाक दर्रो, नालों और दुर्गम स्थानों तक पहुंच बना रहे हैं। रामबाडा इलाके में सेना के जवान चप्पे चप्पे पर पहुंचकर लोगों को निकालने में लगे हैं। सेना के विमानन पायलटों ने रामबाडा के पास जंगल चट्टी में 16 लोगों को नदी के खाले से बचाया है।जोशीमठ सेक्टर में सेना ने अलकनंदा पर एक स्थाई पुल बना दिया है और हेमकुंड साहिब में फंसे तीर्थयात्रियों को वहां से निकाला जा रहा है। गोविंदघाट और गगरिया में भी दो बडे भूस्खलनों को साफ किया गया है। इस रास्ते से 500 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। बदरीनाथ से 91 लोगों को निकाला गया है और 322 लोगों को हेलीकाप्टरों से निकाला गया है।सेना के हेलीकाप्टरों से अभी तक 104 उड़ानों के जरिए 523 लोगों की जान बचाई गई है और 13000 किलो राहत सामग्री पहुंंचाई गई है। गुरूवार रात सेना की टीम गंगोत्री भी पहुंच गई जहां 500 लोग फंसे हुए थे। इन लोगों को भी बचाने का काम शुरू हो चुका है। सेना की टीमें पिंडारी ग्लेशियर भी पहुंच गई है जहां करीब 100 लोग फंसे हैं। सेना के सूत्रों के मुताबिक प्रभावित इलाकों में 13 हजार किग्रा, खाद्य सामग्री, दवाईयां और ईधन पहुंचाए गए। लगभग पांच सौ लोग गंगोत्री में फंसे हुए हैं, सेना उन्हें निकालने के लिए प्रयासरत है। सेना ने हर्षिल में शिविर बनाकर करीब 1500 लोगों को भोजन के साथ ही दवाईयां उपलब्ध करा रही है। हर्षिल में सेना ने 3.6 टन खाद्य सामग्री हवाई मार्ग से पहुंंचाई। ऋषिकेश गंगोत्री से होते हुए उत्तरकाशी मार्ग को चालू कर दिया गया है। बागेश्वर के पिण्डारी ग्लेशियर में भी सेना राहत कार्य में जुटी है। वहां 50 लोगों के फंसे होने की सूचना थी। सेना पीलीभीत, लक्सर, मवाना और पूर्वी दिल्ली के स्थानीय प्रशासन के भी सम्पर्क में है। पीलीभीत से 1354 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। उत्तराखण्ड के प्रलय क्षेत्रों में सेना के करीब दस हजार जवान राहत कार्यो में जुटे हुए हैं। उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग, बागेश्वर, हरिद्वार और पिथौरागढ जिलों के साथ ही उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, बिजनौर, पीलीभीत, मेरठ, मुजफ्फरनगर और अमरोहा में सेना राहत कार्य कर रही है।
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