सात साल बाद पुलिस आरोपी
जयपुर। अभी तक पुलिस लोगों के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज करती रही है, लेकिन अब पुलिस के खिलाफ ही राजकार्य में बाधा डालने का मामला सामने आया है। मामले में अदालत ने थानेदार सहित पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रसंज्ञान लेते हुए सितंबर माह में तलब किया है।
यह है मामला
गांधीनगर स्थित न्यायशिखा में प्रेम प्रसंग के मामले में वष्ाü 2006 में पुलिस ने लड़की को न्यायिक अधिकारी के घर पर पेश किया। इसी दौरान लड़की के परिजनों को भी सूचना मिल गई और उन्होंने न्यायिक अधिकारी के आवास के बाहर जमकर हंगामा किया। इस दौरान पुलिसकर्मियों पर भी हुड़दंगियों को सूचना देने और हंगामे में साथ देने के आरोप लगे।
पुलिस ने अपनी जांच में पुलिस की भूमिका से साफ इंकार कर दिया। मामले में अधिवक्ता अजय कुमार जैन के मुताबिक सुनवाई के बाद अदालत ने पुलिस की भूमिका पर संदेह बताते हुए तत्कालीन सीआई राजेंद्र ओझा, पुलिसकर्मी कानसिंह, कैलाश नारायण सहित पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 148, 332, 352 और राजकार्य में बाधा सहित विभिन्न मामलों में प्रसंज्ञान लेते हुए सितंबर माह में तलब करने के आदेश दिए।
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