अब महिलाएं पुरूषों को नचा रही हैं : राज्यपाल
सुमेरपुर (पाली)। राज्यपाल मारग्रेट आल्वा ने कहा कि भू्रण हत्या व दहेज प्रथा चिंता का विषय है। ताज्जुब है कि पढे-लिखे लोग ही ऎसा कृत्य कर रहे हैं और इसमें महिलाओं का हाथ होता है। सबको मिलकर इन चुनौतियों का सामना करना होगा। वे बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में कृषि अनुसंधान केन्द्र परिसर में आयोजित महिला सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं।
उन्होंने कहा कि वे राज्यपाल नहीं बल्कि एक महिला के रूप में कार्यक्रम में आई हैं। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने महिलाओं को आगे लाने का कार्य किया। उनके कार्यकाल में कई गांवों में जाने का मौका मिला। उन्होंने आबूरोड के ग्रामीण क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम का उदाहरण राजस्थान में आए बदलाव के तौर पर दिया। उन्होंने कहा कि अब महिलाएं पुरूषों को नचा रही हैं। जबकि पहले पुरूष ढोल बजाते थे और महिलाएं नाचती थी। इसका श्रेय राज्य सरकार की योजनाओं को जाता है। राज्यपाल अल्वा ने कहा महिलाएं ही घर में पानी व जलाऊ लकड़ी का जुगाड़ करती हैं। जंगल खत्म हो गया तो बारिश नहीं आएगी। सभी को मिलकर जल संरक्षण पर ध्यान देना होगा। कई इलाकों में महिला को अबला कहा जाता है। जबकि महिलाओं में अपार शक्ति है। उन्होंने दुष्कर्म की घटनाओं को शर्मनाक बताया।
राज्यपाल के सुपरविजन में अच्छा काम कर रही सरकार-काक
महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री बीना काक ने कहा कि राज्यपाल ने आम जन की समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया है। उनके सुपरविजन में सरकार को अच्छा काम करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं के कारण मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण व भोजन बचाने पर बल दिया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव प्रेमसिंह मेहरा, पर्यावरण विभाग के शासन सचिव संकठा प्रसाद व जिला प्रमुख खुशवीर सिंह ने अपने विचार रखे।
राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरित
कार्यक्रम में राज्यपाल ने राजीव गांधी पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार 2013 के रूप में राज्य में प्रथम रहे ग्राम विकास नवयुवक मण्डल लोपोडिया (दूदू) को पांच लाख रूपए व ट्रॉफी एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया। इसी प्रकार व्यक्तिगत पुरस्कार के रूप में जोधपुर के डॉ. एन.एस. मुहणोत को दो लाख रूपए व ट्रॉफी प्रदान की। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से उत्कृष्ट योगदान के लिए स्वयं सहायता समूह झुंझुनुं को प्रथम, सीकर को द्वितीय व झालावाड़ को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया। विशेष महिला शक्ति पुरस्कार के रूप में श्रीमती निशा विक्रम सिंह चौहान श्रीगंगानगर को 51 हजार रूपए का चेक प्रदान किया।
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