सरकार कराएगी रेप पीडिता की डिलीवरी!
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी की सरकार ने गुरूवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि दुष्कर्म की शिकार आठ माह की गभर्वती किशोरी को प्रसव और चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने के लिए संरक्षण गृह में स्थानांतरित किया जाएगा। दुष्कर्म पीडिता को उसके परिवार के लोगों ने भी छोड़ दिया है।
दिल्ली सरकार के वकील की दलील रिकार्ड करने के बाद न्यायमूर्ति मनमोहन सिंह ने याचिका का निस्तारण कर दिया। दुष्कर्म पीडिता को उत्तरी दिल्ली के सराय रोहिल्ला स्थित गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं के संरक्षण गृह में बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के लिए स्थानांतरित किया जाएगा। 19 वर्षीया पीडिता ने बच्चे को जन्म देने में चिकित्सकीय और वित्तीय सहायता के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। गरीब होने के कारण वह यह खर्च वहन करने में असमर्थ है।
दिल्ली सरकार की ओर से अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता रूचि सिंधवानी ने अदालत को बताया कि पीडिता को सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी और बच्चे को जन्म देने में उसे कोई खर्च वहन नहीं करना पड़ेगा।
पीडिता के साथ उसके पड़ोसी ने दुष्कर्म किया और उसके भाई को जान से मार देने की धमकी देकर उसे मुंह बंद रखने पर मजबूर किया। बाद में चिकित्सकीय जांच में उसे गर्भवती होने का पता चला तब पुलिस में मामला दर्ज कराया गया। दुष्कर्म का आरोपी अभी तक पुलिस के चंगुल से बाहर है। परिवार के मुंह मोड़ लेने के बाद पीडिता अभी एक दूर के रिश्तेदार के घर रह रही है।
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