मंगलवार, 25 जून 2013

बायतु में निराशा का माहौल



बायतु में निराशा का माहौल
बायतु। पचपदरा में रिफाइनरी लगने की खबर मिलते ही बायतु क्षेत्र में मायूसी छा गई। लम्बे समय से रिफाइनरी की आस लगाए बैठे लोगों को निराशा ही हाथ लगी। पचपदरा में रिफाइनरी की औपचारिक घोषणा होने का साथ समाचार मिलते ही बायतु के व्यापारी व किसान भी मायूस हो गए। जमीन के भावों में भी गिरावट आ गई। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी खामोश नजर आए। सत्ता में होने के कारण मुंह खोल नहीं पा रहे हैं। बायतु क्षेत्र की जनता को लीलाला में रिफाइनरी से बड़ी आशा थी,लेकिन पचपदरा में मुहर लग जाने से यकायक खामोशी छा गई।


अब कर्नल से आस
रिफाइनरी के लीलाला में नहीं लग पाने से बायतु क्षेत्र की जनता में आक्रोश है। रिफाइनरी बायतु में ही लगने के लिए आंदोलन की सुगबुगाहट है,लेकिन इनका नेतृत्व न तो भाजपा नेता करने की स्थिति में है ओर न ही कांग्रेस के स्थानीय नेता। लीलाला में रिफाइनरी के विरोध में आंदोलन की शुरूआत ही स्थानीय भाजपा नेताओं ने ही करवाया था। वहीं सत्ता पक्ष से जुड़े स्थानीय कांग्रेसी नेता भी जुबान खोलने की स्थिति में नहीं है। बायतु की जनता चाहती है कि रिफाइनरी किसी भी सूरत में लीलाला में ही लगे।

लीलाला में धरना जारी
रिफाइनरी के विरोध में लीलाला में आन्दोलनरत किसानों का धरना जारी है। सोमवार को धरने का 109वां दिन था वहीं क्रमिक अनशन का 92वां दिन था। लम्बे समय से लीलाला में रिफाइनरी के विरोध में धरना जारी है। स्थानीय किसान अब भी अपनी पुरानी मांगों को लेकर डटे हुए है तथा पचपदरा में रिफाइनरी की मुहर की सूचना तो हालांकि धरना स्थल पर मिल गई मगर अभी भी किसान धरना हटाने की स्थिति में नहीं है।

किसानों व प्रशासन के साथ वार्ताएं
किसानों व प्रशासन के साथ कई दौर की वार्ताएं हुए। शुरूआत में स्थानीय सांसद हरीश चौधरी, जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर, एडीएम अरूण पुरोहित, बायतु एसडीओ आलोक जैन, तहसील महावीर जैन ने किसानों के साथ वार्ता कर समझाइश की कोशिश की। जिला कलक्टर के साथ बायतु एसडीओ कार्यालय में हुई प्रथम बैठक में ही किसानों ने एक करोड़ रूपए प्रति बीघा के मांग लिए। दूसरी बार कलक्टर के साथ बाड़मेर में हुई मगर बात नहीं बनी। तीसरे दौर की वार्ता संभागीय आयुक्त हेमन्त गेरा व जिला कलक्टर के साथ किसान की हुई मगर बात नहीं बनी। इसके बाद किसानों ने उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर हालांकि मुआवजा राशि एक करोड़ से घटाकर पचास लाख रूपए व इससे भी घटाकर 15 लाख रूपए प्रति बीघा भी की मगर फिर भी बात नहीं बनी तथा सोमवार को पचपदरा में रिफाइनरी लगाने की मुहर लग गई।

सरकार की मंशा साफ नहीं
जमीन अवाप्ति की प्रक्रिया लीलाला में पूरी करने के बाद रिफाइनरी का स्थान स्थानान्ततित करके सरकार ने किसानें के साथ छलावा किया है। -लक्ष्मण राम चौधरी, अध्यक्ष, सरपंच संघ, बायतु

धोखा हुआ
रिफाइनरी से बायतु की जनता को बड़ी उम्मीद थी मगर यकायक स्थान बदलने से स्थानीय जनता के साथ धोखा हुआ है। क्षेत्र का विकास होता मगर अब पूरा क्षेत्र पिछड़ जाएगा। -सिमरथाराम चौधरी, प्रधान

उम्मीदों पर पानी
बायतु की जनता को रिफाइनरी से बहुत कुछ उम्मीदे थी मगर पचपदरा में मुहर लगने के साथ ग्रामीणों की उम्मीदों पर पानी फिर गया तथा विकास की आस ही खत्म हो गई। -हंसराज गोदारा

मंशा ही नहीं
रिफाइनरी बायतु में लगाने को लेकर सरकार की मंशा ही साफ नहीं थी। सरकार के पास रिफाइनरी के लिए पर्याप्त बजट ही नहीं था। सरकार बायतु में रिफाइनरी लगाना ही नहीं चाहती फिर दोष दूसरो पर मढ़ा जाता है। -बालाराम मूंढ, भाजपा नेता


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