सोमवार, 10 जून 2013

सोच में बदलाव ही सबसे बड़ा प्रायश्चित हे .......

सोच में बदलाव ही सबसे बड़ा प्रायश्चित हे .......

शुक्रिया फेसबुक एव फेसबुक दोस्तों अगर आप न होते तो शायद ये संभव नहीं था, दोस्तों कुछ दिनों पहले एक पोस्टजिसे बहुत से लोगो ने शेयर किया था वो आपने भी पढ़ी होगी उसमे जयपुर में विश्व पर्यावरण दिवस के दिन एकसरकारी ऑफिस में ड्यूटी कर रहे एक बुजुर्ग सिक्यूरिटी गार्ड "ताराचंद जी" को कुछ लोगो द्वारा पिटाई करते हुए दिखायागया था प्रमुख अखबारों की इस खबर ने फेसबुक पर एक सनसनी की तरह फ़ैल गयी थी और लोगो ने इसे बड़ी संख्यामें शेयर कर दोषियों पर अपना रोष व्यक्त किया ।

उसके बाद गूँज "आवाज आपकी हम सभी की" के सदस्यों ने उन बुजुर्ग सिक्यूरिटी गार्ड का सम्मान करके उनका सम्मानलौटाया और उन लोगो तक पहुचे जिन्होंने उस सिक्यूरिटी गार्ड की पिटाई की थी, आखिर उन लोगो को अपनी गलती का एहसास हुआ और आज "गूँज" आवाज आपकी हम सभी की के प्रयासों से बुजुर्ग गार्ड के साथ हाथापाई करने वाले "संजयकन्नोजिया एव मनीष भारद्वाज" ने आज अपने हाईकोर्ट कर्मचारी युनियन, कर विभाग कर्मचारी युनियन एव ""गूँज" आवाज आपकी हम सभी की के सदस्य राजीव अवस्थी लोटवाडा, मयूर तिवाडी, उम्मेद सिंह, विरेन सिंह के समक्ष बुजुर्गगार्ड साहब से माल्यार्पण के साथ माफ़ी मांगी और साथ ही साथ माफ़ीनामा लिख कर दिया साथ ही साथ भविष्य मेंसमाज में हर किसी का सम्मान करने और बुजुर्गो को मान सम्मान देने का वचन दिया इसी के साथ ये सब देखकरबुजुर्ग सिक्यूरिटी गार्ड "ताराचंद जी" ने उन्हें माफ़ कर "क्षमा वीरस्य भूषणं" का बेहतर उदहारण पेश किया और जीवन मेंकभी ऐसा ना करे इसकी सीख दी ......

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