आडवाणी को पूर्ण विराम की तैयारी!
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की चली तो भाजपा के वरिष नेता लालकृष्ण आडवाणी का प्रधानमंत्री बनने का सपना कभी पूरा नहीं हो सकेगा। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार संघ ने आडवाणी को अगला लोकसभा चुनाव न लड़कर सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने और पार्टी में सलाहकार व अभिभावक की भूमिका निभाने का स्पष्ट संदेश भेजने का फैसला कर लिया है।
सूत्र बताते हैं कि नागपुर में संघ के शीर्ष पदाधिकारियों के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इसमें भाजपा में पीएम पद को लेकर और आडवाणी बनाम मोदी पर पार्टी में खींचतान व मीडिया में मचे बवाल पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ। सूत्र बताते हैं कि संघ के कर्णधार नहीं चाहते कि पार्टी नेता व कार्यकर्ता मोदी बनाम आडवाणी के फेर में फंसे रहें और पार्टी में खींचतान का फायदा कांग्रेस उठा ले। संघ का मानना है कि वक्त आ गया है कि भाजपा में नेतृत्व को लेकर अब स्पष्ट संदेश दिया जाए।
75 पार, चुनाव से दूर
संघ रणनीतिकारों ने भाजपा में खींचतान रोकने के लिए फार्मूला सुझाया है। इसके तहत 75 पार कर चुके नेताओं को लोकसभा चुनाव से दूर रखने की सलाह दी है। संघ चाहता था कि यह प्रस्ताव गोवा में 7-9 जून की भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लाया जाए। हालांकि प्रस्ताव पर बवाल की आशंका के चलते अंतिम समय में इसे गोवा कार्यकारिणी से हटा लिया गया है।
मोदी को दें समर्थन
संघ चाहता है कि आडवाणी खुद चुनाव न लड़ने की घोषणा करें या जैसे अटलबिहारी वाजयेपी का नाम पीएम के लिए प्रस्तावित किया था, उसी तरह मोदी के नाम को सार्वजनिक समर्थन दें। संघ व भाजपा के बीच सेतु का काम कर रहे संघ सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी और संगठन महामंत्री रामलाल को इस एजेडे को अमलीजामा पहनाने का जिम्मा सौंपा गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें