रहम दिल चोर,लौटाया चोरी का माल
खटीमा। डाकुओं के चिट्ठी लिखकर डकैती करने की कहानियां तो मशहूर रही हैं लेकिन शायद यह पहली बार हुआ है कि किसी चोर ने चोरी का धन पत्र लिखकर खेद जताते हुए चुपचाप वापस किया हो। उत्तराखंड में ऊधमसिंह नगर जिले के खटीमा में चोर ने अपाहिज नाथचंद (38) के घर से 17 हजार रूपए नकद तथा 50 किलो चावल और 30 किलो आलू प्याज चुराए।
चोर को जैसे ही पता चला कि जिस घर से उसने चोरी की है उसका मुखिया हाल ही में एक सड़क दुर्घटना में दोनों टांगे गंवा चुका है और जो पैसा तथा खाद्यान्न उसने चुराया है वह आसपास के लोगों ने अपाहिज की मदद के लिए एकत्र किया था। चोर का ह्वदय पिघल गया और उसने बाकायदा पत्र लिखकर अगले ही दिन पूरा सामान लौटा दिया।
नाथचंद ने पत्रकारों को बताया कि वह चरकपुर का रहने वाला है और दो माह पहले एक सड़क दुर्घटना में गंभीरूप से घायल होने के कारण उसे अपनी दोनो टांगे गंवानी पड़ी। करीब एक माह तक इलाज कराने के बाद जब वह घर लौटा तो लोगों ने मिलकर उसे गुजर बसर के लिए 17 हजार रूपए और साथ में 50 किलो चावल तथा 30 किलों आलू प्याज एकत्र करके दिए। उसी रात चोर घर में घुसा और वह रूपए तथा सारा सामान लेकर फरार हो गया।
निराश चंद ने इसे भगवान का फैसला मानकर चुप्पी साध ली और किसी को बताए बिना अपने दो बच्चों के भरण पोषण की चिंता करता रहा। गरीबी से तंग होकर दो साल पहले उसकी पत्नी ने भी आत्महत्या कर ली थी। नाथचन्द ने बताया कि शायद चोर को उसकी रोज कुआं खोद पानीभर की स्थिति का जैसे ही पता चला होगा तो उसने अगले ही दिन सारे पैसे, चावल और आलू प्याज रात में चुपचाप उसके घार में रख दिए।
नाथ चंद ने बताया कि जिस तौलिये में मैने पैसे छिपाकर जहां रखे थे अगले दिन मुझे उसी तौलिये में और उसी जगह पर पैसे रखे मिले। इसके साथ ही दरवाजे पर टंगी एक चिट्ठी भी मिली जिसमे लिखा है ".. मुझे तुम्हारी सही हालत का पता नहीं था क्षमा करना।"
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