राजस्थानी भाषा आन्दोलन के अग्रणी सिद्दावत को श्रदांजलि अर्पित
बाड़मेर के महात्मा ईसरदास चारण छात्रावास परिसर में राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति महोत्सव के दुसरे दिन राजस्थानी भाषा आन्दोलन के अग्रणी मोहन लाल सिद्दावत के दह्वासन पर उन्हें श्रदांजलि अर्पित कर उनके सम्मान में दो मिनट का मौन कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्ररार्थाना की गयी .
जालोर जिले में सिद्दावत लम्बे समय से राजस्थानी भाषा के आन्दोलन से जुड़े थे .उन्होंने राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी . जिले के पूर्व पालिकाध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोहनलाल सिद्धावत का शनिवार सुबह देहांत हो गया। 82 वर्षीय सिद्धावत पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे। शनिवार सुबह जोधपुर में उपचार के दौरान सिद्धावत ने अंतिम सांस ली। सिद्धावत अपने पीछे 5 बेटों व 3 बेटियों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। गौरतलब है कि सिद्धावत 21 जून 1976 से 5अगस्त 1977 तथा 16 फरवरी 1982 से 03 जुलाई1983 तक दो बार नगरपालिका अध्यक्ष भी रह चुके हैं। विकास कार्यों व सामाजिक गतिविधियों में अग्रणी रहने वाले सिद्धावत के निधन पर राजस्थानी भाषा प्रेमियों ने ने शोक जताया है।
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