शनिवार, 1 जून 2013

शिकायताें को लेकर सरकार गंभीर, बनेगा शिकायत निवारण तंत्र


शिकायताें को लेकर सरकार गंभीर, बनेगा शिकायत निवारण तंत्र 

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महात्मा गांधी नरेगा योजना के कि्रयान्वयन संबंधित शिकायताें को लेकर केन्द्र सरकार गंभीर।


बाड़मेर, 01 जून। महात्मा गांधी नरेगा के कि्रयान्वयन संबंधित शिकायताें को लेकर केन्द्र सरकार ने गंभीर रवैया अपनाते हुए जिला एवं पंचायत समिति स्तर पर शिकायताें के निस्तारण के लिए समुचित तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए है। शिकायताें का जन अभाव अभियोग निराकरण नियम 2010 के नियम 5 एवं महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम 2005 की धारा 23 के प्रावधानाें के अनुसार निर्धारित अवधि में करने को कहा गया है।

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सी.एस.राजन ने जिला स्तर पर महात्मा गांधी नरेगा योजना के कि्रयान्वयन के संबंध में प्राप्त प्रत्येक शिकायत को रजिस्टर में दर्ज करने के निर्देश दिए है। यह शिकायत लिखित, मौखिक, शिकायत पेटी एवं हैल्पलाइन सुगम के माध्यम से प्राप्त हो सकती है। शिकायताें का जन अभाव अभियोग निराकरण नियम 2010 के नियम 5 एवं महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम 2005 की धारा 23 के प्रावधानाें के अनुसार निर्धारित अवधि में करने को कहा गया है। निर्देशाें के अनुसार धारा 23 के अन्तर्गत निर्धारित अवधि में शिकायत का निस्तारण नहीं होने पर इसे नरेगा अधिनियम के प्रावधानाें का उल्लंघन मानते हुए धारा 25 के अन्तर्गत दोषी अधिकारीकर्मचारी के विरूद्व कार्यवाही की जाए। शिकायत की जांच के उपरांत अगर शिकायत के तथ्य सही पाए जाते है और प्रकरण में प्रथम दृष्तया वित्तीय अनियमितता, गबन, महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम के प्रावधानाें का उल्लंघन या कोर्इ आपराधिक कृत्य पाया जाता है तो दोषी कार्मिकाेंजन प्रतिनिधियाें के खिलाफ जन अभाव अभियोग निराकरण नियम 2010 के नियम 5(3) के अनुसार 30 दिन के भीतर कार्यवाही की जाएगी। शिकायत में जांच के निष्कर्ष का इन्द्राज भी शिकायत रजिस्टर में करने के साथ निष्कर्ष से शिकायतकर्ता को अवगत कराने को कहा गया है। जन अभाव अभियोग निराकरण नियम 2010 के नियम 8 के अनुसार ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति स्तर पर प्राप्त शिकायताें के निस्तारण की जिम्मेदारी कार्यक्रम अधिकारी, जिला स्तर पर प्राप्त शिकायताें के निस्तारण की जिम्मेदारी अधीनस्थ अधिकारियाेंकर्मचारियाें के साथ-साथ जिला कार्यक्रम समन्वयक की होगी।

अब आसानी से बंद नहीं होगी शिकायत की फाइल: आमतौर पर शिकायताें की फाइलाें को बंद करने को गंभीरता से लेते हुए केन्द्र सरकार ने शिकायतकर्ता को उसकी शिकायत पर की गर्इ कार्यवाहीजांच रिपोर्ट से अवगत कराने को कहा है। उसको एक फीडबैक फार्म भी भेजा जाएगा, ताकि वह अपनी राय से अवगत करा सके। कार्रवार्इ रिपोर्ट की प्रापित के एक माह के भीतर शिकायतकर्ता किसी प्रकार का पत्राचार या संपर्क नहीं करता है तो फाइल को बंद किया जा सकता है।

अनियमितता पर होगी कार्यवाही: शिकायत की जांच के बाद यदि वित्तीय अनियमितता, गबन, योजना के कि्रयान्वयन में लापरवाही एवं अनुशासनहीनता, नरेगा अधिनियम 2005 के प्रावधानाें का उल्लंघन या कोर्इ आपराधिक कृत्य पाया जाता है तो दोषी कार्मिकाेंजन प्रतिनिधियाें के विरूद्व उनसे संबंधित सेवा नियमाें के प्रावधानाें के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। राजकीय कर्मचारियाेंअधिकारियाें के विरूद्व राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958, पंचायतीराज विभाग के कर्मचारियाें के विरूद्व कार्यवाही राजस्थान पंचायतीराज नियम 1996, जन प्रतिनिधियाें के विरूद्व राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 38 एवं संविदा कार्मिकाें के विरूद्व संविदा अनुबंध के प्रावधानाें के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

किसके पास हो सकती है अपील: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (जन अभाव अभियोग निराकरण) नियम, 2010 के नियम 7 में जन अभाव अभियोग निराकरण अधिकारी के आदेश के विरूद्व शिकायतकर्ता द्वारा अपील का प्रावधान है। कार्यक्रम अधिकारी द्वारा पारित आदेश के विरूद्व अपील जिला कार्यक्रम समन्वयक को और जिला कार्यक्रम समन्वयक के आदेश के विरूद्व अपील निदेशकआयुक्त अतिरिक्त आयुक्त, रोजगार गारंटी राजस्थान को की जा सकती है। बाड़मेर जिले से संबंधित मामलाें में परियोजना निदेशक र्इजीएस को अपील की जा सकती है। राज्य सरकार ने अतिरिक्त आयुक्त प्रथम को भरतपुर, अजमेर, अतिरिक्त आयुक्त द्वितीय को जयपुर,बीकानेर एवं परियोजना निदेशक र्इजीएस को जोधपुर, उदयपुर एवं कोटा संभाग अपील सुनने के लिए आवंटित किए हैं।

फ्लैगशिप योजनाआें की समीक्षा बैठक 6 को

-अतिरिक्त मुख्य सचिव उधोग सुनील अरोड़ा करेंगे योजनाआें की समीक्षा

बाड़मेर, 01 जून। अतिरिक्त मुख्य सचिव उधोग सुनील अरोड़ा 6 जून को बाड़मेर प्रवास के दौरान फ्लैगशिप योजनाआें की समीक्षा करेंगे। संबंधित अधिकारियाें को इस बैठक में फ्लैगशिप योजनाआें की प्रगति की सूचना के साथ उपसिथत होने के निर्देश दिए गए हैं।

जिला कलेक्टर भानू प्रकाष एटूरू ने बताया कि कांफेंस हाल में शाम 4 बजे आयोजित होने वाली बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील अरोड़ा फ्लैगशिप योजनाआें की समीक्षा करेंगे। इस दौरान संबंधित अधिकारियाें को योजनाआें की प्रगति रिपोर्ट के साथ स्वयं को उपसिथत होने के निर्देश दिए गए है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने बताया कि इस दौरान फ्लैगशिप योजनाआें मुख्यमंत्री अन्न सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना,राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री पशुधन नि:शुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना , मुख्यमंत्री शहरी बीपीएल आवास योजना, अफोर्डेबल हाउसिंग पालिसी-2009, राजस्थान लोक सेवाआें के प्रदान करने की गारंटी अधिनियम, 2011,राजस्थान सुनवार्इ का अधिकार अधिनियम, 2012, मुख्यमंत्री ब्याज मुक्त फसली ऋण योजना, मुख्यमंत्री बीपीएल जीवन रक्षा कोष, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना, 2012, राजीव गांधी डिजिटल विधार्थी योजना, मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना एवं राजस्थान ग्रामीण सड़क विकास योजना की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।

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