पिता को सताने पर पुत्र को जेल
जोधपुर। पुत्रों द्वारा सताए गए एक
पिता की गुहार पर राजस्थान हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए एक पुत्र को जेल भेजने और एक पुत्र को 25 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने अपने पिता का ही सम्मान नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए पुत्रों के खिलाफ कड़ा आदेश पारित किया। न्यायाधीश डॉ. विनीत कोठारी ने नागौरी गेट के बाहर निवासी 67 वर्षीय बुजुर्ग ओमसिंह की याचिका पर 34 पृष के महत्वपूर्ण निर्णय में याचिकाकर्ता को पुलिस इमदाद के जरिए मकान का कब्जा डेढ़ महीने में दिलाने के निर्देश दिए।
अपने पिता को घर में ही दर-बदर करने पर कोर्ट ने आदेश में कई टिप्पणियां भी की। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता जे. गहलोत ने अवमानना याचिका दायर कर न्यायालय में कहा कि दोनों पुत्र पिता के साथ पूर्व में काम करते थे और न्यायालय में वाद प्रस्तुत करने के बाद दोनों पुत्रों ने मिलकर घर का शोचालय और स्नानघर और पूजा का कमरा बन्द कर दिया। दोनों पुत्रों की ओर से अदालत में 8 दिसम्बर 2009 को शोचालय-स्नानघर और पूजा का कमरा काम में लेने के लिए न्यायालय के समक्ष अण्डरटेकिंग दी गई थी, लेकिन दोनों आरोपी पुत्रों ने ताले नहीं खोले और न्यायालय के आदेश की लगातार अवमानना की। उनके रवैये के कारण पिता को अपने ही घर में परेशानी का सामना करना पड़ा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश डॉ. कोठारी ने डेढ़ महीने में पुलिस सहायता के जरिए पिता को शोचालय-स्नानघर और पूजा के कमरा का कब्जा दिलाने और याचिकाकर्ता के पुत्र धीरेन्द्र गहलोत को तीन माह की कैद और 25 हजार रूपए जुर्माना व नरेन्द्र गहलोत को 25 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया।
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