जवाई के आसपास पहली बार एक साथ दिखे 76 'इंडियन क्रेन'
सेणा गांव में दो झुंडों में दिखे, पर्यटन मंत्री ने कैमरे में कैद किए
पाली पर्यटन, कला और संस्कृति मंत्री बीना काक ने सुमेरपुर दौरे के दौरान लगभग 74 सारस क्रेन के झुंड देखे। यह अनूठा नजारा दिखाई दिया जवाई बांध क्षेत्र के सेणा गांव में देवगिरी के पीछे वाले इलाके में। यहां ये सारस 58 और 18 के दो झुंडों में विचरण कर रहे थे। यह पक्षी मुख्यत: उत्तर प्रदेश में पाया जाता है। पर्यटन मंत्री बीना काक ने वहां विचरण कर रहे इन पक्षियों के झुंड को अलग-अलग एंगल से अपने कैमरे में कैद किया। उनके साथ दौरे पर गए वन्यजीव विशेषज्ञों ने बताया कि सुमेरपुर में पहली बार सारस क्रेन का इतना बड़ा झुंड देखा गया है। संभवत: सुमेरपुर में बढ़ रही वन संपदा की वजह से इन पक्षियों का इस दिशा में आकर्षण बढ़ा है।
प्रेम और समर्पण का पक्षी
इस पक्षी को प्रेम और समर्पण का प्रतीक मानते हैं। यह पक्षी जोड़े से ही रहता है। अपने जीवन काल में सिर्फ एक बार जोड़ा बनाता है, उसके बाद यह युगल जीवन भर साथ रहता है। प्राय: एक साथी की मृत्यु पर वियोग में दूसरा भी मर जाता है। रामायण में भी इस पक्षी का उल्लेख मिलता है। उत्तर प्रदेश में कुछ जातियों में विवाह के बाद नवयुगल को सारस-युगल के दर्शन करना अनिवार्य होता है।
उत्तर प्रदेश का राज्य पक्षी, रामायण में भी उल्लेख
सारस विश्व का सबसे विशाल उडऩे वाला पक्षी है। इस पक्षी को क्रोंच के नाम से भी जानते हैं। भारतीय सारस यानी इंडियन क्रेन यह उत्तर प्रदेश का राज्य पक्षी भी है। मुख्यत: गंगा के मैदानी भागों और भारत के उत्तरी व उत्तरी पूर्वी क्षेत्रों में पाया जाता है। भारत में इसकी संख्या करीब 10 हजार से ज्यादा बताई जाती है। पूरे विश्व में इसकी 8 जातियां पाई जाती हैं, जिनमें 4 भारत में पाई जाती हैं। इसका जूलोजिकल नेम ग्रस एंटीगोन है।
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