सोमवार, 10 जून 2013

वाइफ को कंधे पर लेकर 40 किमी दौड़ा

वाइफ को कंधे पर लेकर 40 किमी दौड़ा

कोट्टायम। घने जंगल और भारी बारिश के बीच एक आदिवासी युवक अपनी गर्भवती पत्नी सुधा और नवजात शिशु को बचाने के लिए 40 किमी तक दौड़ा। आदिवासी युवक ने अपनी कड़ी मेहनत-मशकत से अपनी पत्नी को तो बचा लिया लेकिन वह अपने नवजात को नहीं बचा सका।

आदिवासी युवक अय्यपन अपनी सात माह की गर्भवती पत्नी सुधा को मंगलवार के दिन अस्पताल के लिए रवाना हुआ। पत्नी की तबीयत खराब होते देख अय्यपन भारी बारिश और घने जंगल को चीरता हुआ अपनी गर्भवती पत्नी को कंधे पर बिठाकर अस्पताल के लिए रवाना हुआ। करीब 40 किमी चलने के बाद उसने एक जीप किराए पर ली और पठानामथिट्टा जिला अस्पताल पहुंचा। यहां से उसे कोट्टायम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए रैफर कर दिया गया।

अय्यपन ने बताया 40 किमी के सफर के दौरान वह कई स्थानों पर रूका। इस बीच उसकी पत्नी की तबियत लगातार बिगड़ती चली गई, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और अस्पताल पहुंचा। कोट्टायम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कुंजाम्मा रॉय ने बताया कि बुधवार को पीडित महिला की डिलीवरी कराई गई, लेकिन बच्चे को नहीं बचाया जा सका। गर्भवती ने मृतक शिशु को जन्म दिया। अब अय्यपन की पत्नी सुधा की हालत ठीक है।

डॉ. राय ने बताया कि जिस समय अय्यपन अपनी पत्नी को अस्पताल लेकर पहुंचा था, उस समय उसे भारी रक्त स्राव हो रहा था। इससे गर्भवती महिला और उसके बच्चे दोनों की हालत गंभीर हो गईथी। अधिक रक्त स्राव के कारण बच्चे की मृत्यु हो सकती है। अय्यपन और उसकी पत्नी आदिवासी समुदाय के हैं और जंगल से शहद लाकर बेचते हैं। मीडिया के अनुसार इन आदिवासी दंपती को आर्थिक मदद मुहैया कराई जा रही है।

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