रिश्वत मामले में डॉक्टर को 3 साल की कैद
जयपुर/जोधपुर। भ्रष्टाचार मामलों की विशेष अदालत ने रिश्वत लेने पर एक डॉक्टर सहित दो आरोपियों को तीन-तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों पर तीन-तीन हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया है।
प्रकरण के अनुसार तत्कालीन जिला क्षय रोग अधिकारी जोधपुर डॉ. मोहनलाल आसदेव व वरिष्ठ क्षय प्रयोगशाला पर्यवेक्षक गजेन्द्रसिंह को भ्रष्टाचार निरोध ब्यूरो (एसीबी) ने तीन हजार रूपए की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा था। यह रिश्वत की राशि उन्होंने सेतरावा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में लैब टेक्नीशियन के पद अनुबंध पर कार्यरत खेमकरण शर्मा को कार्य संतोषजनक होने का प्रमाण पत्र जारी करने के लिए ली थी।
परिवादी की रिपोर्ट पर एसीबी ने 13 मार्च 2008 को सहअभियुक्त गजेन्द्रसिंह के जरिए तीन हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए डॉ. आसदेव को गिरफ्तार किया। जिस पर सुनवाई के बाद विशिष्ट न्यायाधीश (भ्रष्टाचार मामलात) ने दोनों को विभिन्न धाराओं के तहत दोषसिद्ध करार देते हुए तीन-तीन वर्ष के कारावास व तीन-तीन हजार रूपए के जुर्माने से दण्डित करने का आदेश दिया। मामले में सरकार की ओर से लोक अभियोजक बरकत अली ने पैरवी की।
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