इंदौर। जिला अदालत ने इंदौर से लगे बेटमा में ठीक 16 माह पहले दो लड़कियों से हुए बहुचर्चित गेंग रेप कांड के दो अलग अलग प्रकरणों में 14 आरोपियों को दोहरी उम्रकैद की सजा का ऐतिहासिक फैसला सुनाया। न्यायालय ने फैसले में यह नहीं लिखा कि सजा साथ-साथ चलेगी।इससे स्पष्ट है कि सजाएं एक के बाद एक चलेगी। एक साथ14 आरोपियों को वह भी गेंग रेप मामले में सजा का संभवत: यह प्रदेश का पहला फैसला हो सकता है। खचाखच भरे अदालत कक्ष में सजा का फैसला सुनते ही अधिकांश आरोपी रोने-चीखने लगे और कहने लगे- जज साहब हमें माफ कर दो। अदालत ने कहा- ऐसे घिनौने कृत्य में माफी की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती। अदालत कक्ष के बाहर उनके परिजन भी चीत्कार कर रोकर आंसू बहाने लगे। घटना में कुल 16 आरोपी थे जिनमें दो आरोपी नाबालिग होने से उनका प्रकरण बाल न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया जहां प्रकरण लंबित है।
विशेष अपर सत्र न्यायाधीश अवनींद्रकुमार सिंह ने शनिवार दोपहर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। फैसले के पहले दोपहर 11.30 बजे जज ने आरोपियों से पूछा- आप सभी को धारा 376-जी में दोषी पाया गया है। सजा के सवाल पर क्या कहना है। तभी आरोपियों के वकीलों ने अदालत से कहा- आरोपियों का यह पहला प्रकरण है।अधिकांश आरोपी युवा हैं।उनकी उम्र को देखते हुए कम से कम सजा दी जाए। इस पर अदालत ने कहा- कोर्ट के मत में सामूहिक दुष्कर्म मामले में कम से कम सजा देने का कोई औचित्य नहीं है। आरोपियों ने 10 फरवरी 12 को घटना को अंजाम दिया। बदनामी के भय से दोनों लड़कियों व उनके परिजनों ने पुलिस में रिपोर्ट नहीं की किंतु आरोपियों ने घटना की सीडी परिचितों व अन्य को दे दी।इस कारण एक सप्ताह में दोनों लड़कियों की चारों ओर बदनामी बढ़ और चर्चे होने लगे।तब परिजनों ने तय किया कि जब बदनामी हो ही गई है तो रिपोर्ट लिखाई जाए। इस पर परिजनों ने घटना के आठ दिन बाद 18 फरवरी को बेटमा थाने में आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई।इस पर पुलिस ने एक एक करके 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया जिनमें दो नाबालिग आरोपियों को बाल न्यायालय स्थानांतरित कर दिया गया।
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