बुधवार, 8 मई 2013

श्रीगंगानगर।गोली बनी पहेली

श्रीगंगानगर।गोली बनी पहेली

श्रीगंगानगर। करणी मार्ग पर चक 2 ई छोटी के एक खेत में काम कर रहे युवक के सिर में लगी गोली किसने चलाई, यह रहस्य अभी भी बरकरार है। पुलिस के लिए रहस्य बनी इस घटना से सेना ने भी खुद को अलग कर लिया है।

पुलिस इस मामले को लेकर कितनी गंभीर है, इसका अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि घटना के छह दिन बाद मंगलवार को मुकदमा दर्ज किया है।खेत में काम कर रहे पीलीबंगा निवासी मदनलाल के सिर में गोली लगी है, इसकी पुष्टि उसे निजी चिकित्सालय में भर्ती कराए जाने के बाद हुई।

जिला चिकित्सालय के चिकित्सक तो इसे मामूली छर्रा मानकर इलाज कर रहे थे। निजी चिकित्सालय में सिटी स्कैन हुआ तो मदनलाल के सिर में गोली फंसी होने का पता चला। ऑपरेशन से निकाली गई गोली अब पुलिस के कब्जे में है। इस गोली के आधार पर पुलिस मामले की तह तक पहुंच सकती है। उस हथियार का पता भी लगाया जा सकता है, जिससे गोली दागी गई।
बयान को नहीं आई पुलिस

खेत में काम कर रहे मदनलाल के सिर में गोली लगने की घटना के छह दिन बाद भी पुलिस सुखाडिया मार्ग स्थित निजी चिकित्सालय में उसके बयान लेने के लिए नहीं आई। पुलिस ने उसके परिजनों के बयान लेने की भी जरूरत नहीं समझी। घायल युवक के मामा गुरनाम सिंह की ओर से सोमवार को जवाहरनगर थाने में परिवाद दिए जाने के बाद पुलिस ने मंगलवार को अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। परिजन का आरोप है कि खेत से सटी छावनी के चांदमारी क्षेत्र से आई गोली लगने से मदनलाल घायल हुआ।

खेतों तक आती है गोलियांघायल युवक के परिजन तथा चक 2 ई व 1 ई छोटी के किसान शुरू से ही गोली छावनी छेत्र से आने की बात कह रहे हैं। परिजनों का आरोप सही है या गलत इसका खुलासा तो पुलिस जांच से ही होगा।

घटनास्थल को देखने पर पता चलता है कि कृçष्ा अनुसंधान केन्द्र के गेट नंबर दो से सटी साधुवाली छावनी में चांदमारी के लिए करीब बीस फीट ऊंची दीवार है। केन्द्र में काम करने वाले कर्मियों का कहना है कि गुरूवार के दिन छावनी में अभ्यास के दौरान गोलियां चलने की आवाजें आती है। जिस खेत में मदनलाल को गोली लगी उसकी दूरी सेना के अभ्यास स्थल से हजार से बारह सौ मीटर है। सेना पिछले कई दिनों से अभ्यास स्थल और घटनास्थल की दूरी नाप कर यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि अभ्यास स्थल से इतनी दूरी तक उनके हथियार की गोली जा सकती है या नहीं?

गोली उठाएगी पर्दा
मदनलाल के सिर से जो गोली निकाली गई है, वह अब पुलिस के कब्जे में है। इस गोली से पुलिस यह पता लगा सकेगी कि किस हथियार से इसे दागा गया है। जवाहरनगर थाना प्रभारी अरविन्द बेरड़ से गोली से संबंधित हथियार के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि इस तरह की गोली का उपयोग स्टेनगन, इन्सास रायफल, पिस्टल में होता है। बेरड़ का कहना था कि पुलिस लाइन के आरमोर अभी अवकाश पर हैं, उनके आने पर गोली की जांच करवाई जाएगी।

सेना ने दिया स्पष्टीकरण
सेना ने मंगलवार को जिला कलक्टर को इस घटना के संबंध में स्पष्टीकरण दिया। सेना की ओर से बताया गया है कि उनकी फायरिंग शॉर्ट रेंज में होती है। सेना के दक्ष जवान क्वालिफाइड प्रशिक्षक की देखरेख में सुरक्षा इंतजाम के साथ फायरिंग करते हैं। सैन्य अधिकारियों की ओर से मौका निरीक्षण व गोली देखने से प्रतीत होता है कि यह गोली फायरिंग रेंज से नहीं गई। फायरिंग रेंज से निकली गोली 1.1 किलोमीटर दूर नहीं जा सकती। बेैलेस्टिक के आधार पर ऎसा संभव नहीं। सेना ने बताया कि गोली में किसी प्रकार का निशान नहीं है। इसका मतलब वह किसी से टकराकर युवक के नहीं लगी। हो सकता है सैन्य हथियार के अलावा किसी अन्य हथियार से किसी अन्य स्थान से फायर किया हुआ हो। इस घटना की जांच में सेना हर संभव सहयोग करने को तैयार है।

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