भंवरी प्रकरण का रिकॉर्ड तलब
जोधपुर। बहुचर्चित भंवरी देवी प्रकरण में राजस्थान हाईकोर्ट ने निचली अदालत से रिकॉर्ड तलब कर लिया है। निचली अदालत द्वारा तय किए गए आरोपों को चुनौती देने वाली सीबीआई की निगरानी याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को न्यायाधीश बनवारीलाल शर्मा ने यह आदेश दिया। अनुसूचित जाति-जनजाति मामलों की विशेष अदालत में मामले की अगली सुनवाई 24 मई को निर्धारित की गई है। जिसमें गवाहों को साक्ष्य के लिए बुलाया जाना है। रिकॉर्ड हाईकोर्ट में तलब होने पर सुनवाई प्रभावित हो सकती है।
गौरतलब है कि अनुसूचित जाति-जनजाति मामलों की विशेष अदालत ने इस प्रकरण में लूणी विधायक मलखानसिंह विश्नोई के भाई परसराम विश्नोई व ओमप्रकाश को अपहरण व हत्या के आरोप से बरी कर दिया था। जिस पर सीबीआई ने हाईकोर्ट में निगरानी याचिका दायर की थी।
सीबीआई की ओर से मुम्बई से आए वरिष्ठ लोक अभियोजक एजाज खान, एस.एस. यादव, विशिष्ट लोक अभियोजक अशोक जोशी व सीबीआई के अधिवक्ता पन्नेसिंह रातड़ी ने पैरवी की। उधर, भंवरी प्रकरण में एक कार छुड़ाने के लिए भंवरी देवी के पुत्र साहिल की ओर से अधिवक्ता डॉ. जावेद मोयल के जरिए दायर निगरानी याचिका पर उच्च न्यायालय ने सोहनलाल को भी पक्षकार बनाने के आदेश दिए हैं।
रेशमाराम की जमानत पर सुनवाई पूरी
इन्द्रा विश्नोई के सहयोगी रेशमाराम की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में बहस पूरी हो गई है। अदालत ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रखा है। रेशमाराम की ओर से कहा गया कि उसे इस प्रकरण में झूठा फंसाया गया है। उसका भंवरी देवी के अपहरण व हत्या से कोई सम्बन्ध नहीं है। जबकि सीबीआई की ओर से कहा गया कि रेशमाराम इन्द्रा विश्नोई का सहयोगी रहा है। भंवरी के अपरहण व हत्या में उसकी भूमिका सामने आई है। सुनवाई के बाद न्यायाधीश निर्मलजीत कौर ने फैसला गुरूवार तक सुरक्षित रख लिया।
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