बुधवार, 15 मई 2013

लग्जरी कार नहीं दी तो दुल्हन छोड़ गए

लग्जरी कार नहीं दी तो दुल्हन छोड़ गए
बांदीकुई। बारात आई..तोरण व फेरे भी हुए,लेकिन दहेज में साधारण कार के स्थान पर लग्जरी कार नहीं मिली तो वर पक्ष मंगलवार रात दुल्हन को छोड़ बारात को बैरंग ले गया। सामाजिक बुराई का ये तांडव कस्बे के वार्ड 13 स्थित दुर्बलनाथ मन्दिर के पीछे एक विवाह समारोह में हुआ।

यहां जीएफ-194 जेडीए कॉलोनी झालाना डूंगरी जयपुर निवासी दुर्गाप्रसाद बैरवा सोमवार दोपहर अपने पुत्र अनिल कुमार की बारात धनसीराम बैरवा के घर लेकर आए थे।

अनिल की शादी सोमवार देर रात धनसीराम की पुत्री सोना के साथ हिन्दू रीति रिवाज से हुई। फेरों के बाद दूल्हे व उसके पिता ने दहेज में दी जा रही साधारण कार लेने से मना कर लग्जरी कार व एक लाख रूपए नकद देने की मांग कर दी।

आर्थिक हालातों के चलते वधू पक्ष के इनकार करने पर मंगलवार रात दूल्हा व उसके पिता बिना दुल्हन के जयपुर लौट गए। देर रात ही धनसीराम बैरवा ने इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन बारात जा चुकी थी।

वधू के पिता ने पुलिस को बताया कि शादी से पहले दूल्हे, उसके पिता एवं ननद डिम्पल ने दहेज में चौपहिया वाहन, दो सोने की अंगूठी एवं पायजेब की मांग की थी। ये सभी मांग पूरी कर दहेज में 4 लाख एक हजार रूपए नकद, चौपहिया वाहन एवं पूरा घरेलू सामान दिया गया। ये सामान वाहन में लदवाकर मंगलवार दोपहर वर पक्ष ने जयपुर स्थित अपने घर भेज दिया।

इसी बीच दुल्हन सोना की तबीयत खराब होने पर उसे निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां से उसे देर शाम छुट्टी दी गई। दुल्हन के घर लौटने पर दूल्हा व उसके पिता लग्जरी कार व एक लाख रूपए नकद लेने पर अड़ गए। उनका कहना था कि जयपुर से बांदीकुई बारात लाने के लिए वाहनों पर ही उनका करीब एक लाख रूपए खर्च हो गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

क्या बताया,क्या निकले
धनसीराम ने बताया कि दूल्हे के पिता दुर्गाप्रसाद ने अपने को चिकित्सा विभाग में अधिकारी व पुत्रअनिल को जयपुर स्थित आईसीआईसीआई बैंक की एक शाखा का अधिकारी बताया गया था।

इस नाते ही उसने बीएसटीसी एवं समाज शास्त्र से स्नातकोत्तर में अध्ययनरत सोना की शादी तय की थी। अब रिश्तेदारों से जानकारी मिली कि दुर्गाप्रसाद चिकित्सा विभाग में एमपीडब्ल्यू व अनिल किसी बैंक में संविदा पर काम करता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें