शनिवार, 25 मई 2013

पिता सहित छह जनों के विरुद्ध दूधमुंही बच्ची की हत्या का आरोप


पिता सहित छह जनों के विरुद्ध दूधमुंही बच्ची की हत्या का आरोप 

पहले पति ने पत्नी के खिलाफ करवाया हत्या का मुकदमा, अब पत्नी ने जरिए इस्तगासा पति व ससुराल वालों पर लगाया हत्या का आरोप, पहले मामले की जांच पूरी हुई नहीं, पुलिस पशोपेश में

भीनमाल
दूधमुंही बच्ची को नाजायज संतान बता उसकी हत्या के आरोप को लेकर पिता सहित छह जनों के विरुद्ध न्यायालय में इस्तगासा पेश हुआ। पुलिस ने इस संबंध में पूर्व में मामला दर्ज होना बताकर न्यायालय से मार्गदर्शन तक मामला विचाराधीन रखा। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार दासपा हाल वागावास निवासी कैली उर्फ कैलाश पत्नी देवाराम पुरोहित ने स्थानीय एसीजेएम कोर्ट में पेश इस्तगासे में बताया कि उसकी शादी 31 मई 2010 को दासपा निवासी देवाराम पुत्र हरचंदराम पुरोहित के साथ हुई थी। शादी के दौरान उसके पिता ने अपनी हैसियतानुसार दहेज भी दिया था, लेकिन उसके ससुरालवाले दहेज से संतुष्ट नहीं थे। इस कारण वे उसे शारीरिक तथा मानसिक रुप से परेशान करते थे। 21 फरवरी से 20 मार्च 2012 तक उसका पति पूणे (महाराष्ट्र) से दासपा आया। इस दौरान वह उसके साथ रहने से गर्भवती हो गई। जिसकी जांच भी समय-समय पर स्थानीय अस्पताल में करवाई गई। इस दौरान उसकी सास कमला ने उस पर लिंग परीक्षण का दबाव बनाकर पुत्री होने की दशा में गर्भपात करवाने की बात कही। जिसका उसने विरोध किया इस बात से नाराज सास कमला, जेठानी भावना व ननद निरमा ने उसके पेट में पल रहे गर्भ को नाजायज बता उसके पति को भी भ्रमित किया। 21 दिसंबर 2012 की रात 1.15 बजे उसने पुत्री को जन्म दिया। उसके बाद से उसके ससुराल वाले उससे नाराज रहते थे।

30 जनवरी 2013 को सवेरे 7 बजे उसके पति देवाराम, जेठ सुरेशकुमार, जेठानी भावना, सास कमला, ननद निरमा व ससुर हरचंद ने योजनाबद्ध तरीके से उसे भैंस का दूध निकालने का कहकर घर से बाहर भेज दिया और पीछे से उसकी दुधमुंही बच्ची को मकान के ऊपर बने पानी के टांके में डालकर हत्या कर दी।

कैलाश उर्फ कैली के विरुद्ध दर्ज है मामला

दासपा निवासी देवाराम पुत्र हरचंदराम पुरोहित ने 25 फरवरी 2013 को जरिए न्यायालय उसकी पत्नी कैली उर्फ कैलाशदेवी के विरुद्ध उसकी दुधमुंही बच्ची की हत्या करने का मामला स्थानीय पुलिस थाने में दर्ज करवाया था, जिसकी जांच जारी है।

रिपोर्ट पेश की

उक्त मामले को लेकर कैलीदेवी की ओर से 2 मार्च 2013 को पुलिस थाना भीनमाल में उपस्थित होकर रिपोर्ट पेश की गई थी, लेकिन पुलिस व आरोपी की मिलीभगत होने की वजह से मामला दर्ज नहीं कर उन्हें बार-बार गुमराह किया गया। इस कारण न्यायालय की शरण लेनी पड़ी।

- हंजाराम पुरोहित, पीडि़ता का भाई

हरचंदराम की ओर से पूर्व में कैलीदेवी के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया हुआ है, जिसकी जांच जारी है। अब एक ही मामले को दुबारा दर्ज करने का नियम नहीं होने के कारण उक्त इस्तगासे के संबंध में न्यायालय से मार्गदर्शन के बाद अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

- तखतसिंह, थानाधिकारी भीनमाल

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