बुधवार, 15 मई 2013

धोखा, रेप और वसूली के दर्द से गुजरती हैं चीन की सेक्‍स वर्कर




बीजिंग. चीन में सेक्स वर्कर पुलिस के टॉर्चर से परेशान हैं। उन्हें पेड़ों से बांध कर बिल्‍कुल ठंडे पानी से भिगोया जाता है और पुलिस वाले मारते-पीटते हैं। यही नहीं इन्हें गैरकानूनी तौर पर हिरासत में रखकर हफ्ता भी वसूल किया जाता है। ह्यूमन राइट वॉच की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक सेक्स वर्कर्स को एचआईवी टेस्ट करने के नाम पर ले जाया जाता है और पुलिस हिरासत में रख लिया जाता है।
रिपोर्ट में तो यहां तक कहा गया है कि चीन में कुछ महिलाओं को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उनके पास से कुछ कंडोम मिले थे। कंडोम मिलने पर चीनी पुलिस कहती है कि यह उनके सेक्स वर्कर्स होने का सबूत है। इसके लिए राह चलती और रेड लाइट एरिया में घूमती युवतियों और महिलाओं के सामान की तलाशी ली जाती है। पुलिस की इस हरकत से ज्यादातर सेक्स वर्कर्स अपने साथ कंडोम ले जाने से घबराती हैं। इससे सेक्स वर्कर्स के बीत एचआईवी से संक्रमित होने का खतरा भी बढ़ जाता है। बीजिंग की एक सेक्स वर्कर का कहना है कि उसके साथ कई बार रेप हुआ है लेकिन पुलिस की हरकतों से कभी भी उनके पास जाने की हिम्मत नहीं होती है। इस महिला का कहना था कि वह सेक्स बेचती है जो चीन में गैरकानूनी है। अगर वहपुलिसके पास रेप की शिकायत लेकर गई तो पुलिस उसे ही गिरफ्तार कर लेगी। रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस सेक्स वर्कर्स के खिलाफ हुए अपराध की जांच नहीं करती है। इसमें कहा गया है कि ज्यादातर सेक्स वर्कर्स पुलिस के पास शिकायत के लिए नहीं जाती हैं। रिपोर्ट में इस बात के भी सबूत मिले हैं कि पुलिस छापे के दौरान कई सेक्स वर्कर्स से वसूली की जाती है। यही नहीं पुलिस इनके पास आने वाले रेगुलर क्लाइंट्स पर भी नजर रखती है और उनसे भी हफ्ता लिया जाता है। कई बार को पुलिस खुद एक क्लाइंट बना लेती है जो वैश्यालयों पर आता है और सेक्स वर्कर्स से सेक्स सर्विस मांगता है। एक बार सर्विस शुरू होने पर इससे छुटकारा नहीं पाया जा सकता है। सर्विस मिलने के बाद क्लाइंट पुलिस को फोन करता है और पुलिस आकर दोनों को गिरफ्तार कर लेती है। पुलिस सेक्स वर्कर पर फाइन लगाती है और मिली हुई रकम को क्लाइंट और पुलिस आपस में बांट लेते हैं।






सेक्स वर्कर्स का कहना है कि पहले पुलिस उन्हें पकड़ती है और फिर रिहा करने के नाम पर उनसे मनचाहा बयान लिखवा लेती है लेकिन बाद में उन्हें महीनों के लिए हिरासत में रख लिया जाता है। ऐसी ही एक सेक्स वर्कर्स का कहना था कि उसे पुलिस एजुकेशन सेंटर के नाम पर छह महीने तक हिरासत में रखा। अब उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वे क्या करें, क्योंकि धंधा तो चौपट हो चुका है। एचआईवी टेस्ट कराने के बाद पुलिस सेक्स वर्कर्स की रिपोर्ट उन्हें नहीं देती है बल्कि उसके बारे में दूसरे लोगों को बता दिया जाता है।चीन में ह्यूमन राइट वॉच की निदेशक सोफी रिचर्डसन का कहना है कि अगर चीन में कोई महिला सेक्स वर्कर है तो यह तय मानिए कि उसे कई मूल अधिकार जब्त हो जाएंगे। रिपोर्ट में चीन की सरकार से मांग की गई है कि सेक्स वर्क या सहमित से सेक्स करने पर आपराधिक और प्रशासनिक प्रतिबंधों को हटाने के लिए कानून बनाए जाएं। इसके सरकार से मांग की गई है कि सदियों से जारी वैश्यावृत्ति विरोधी अभियानों पर रोक लगाई जाए क्योंकि इससे सेक्स वर्कर्स के खिलाफ अपराधों और मानवाधिकार हनन में बढ़ोत्तरी हुई है।
चीन में वेश्यावृत्ति गैरकानूनी है और सरकार इसे बंद कराना चाहती है। इसके बावजूद यहां 40 से 60 लाख सेक्स वर्कर्स के होने का अनुमान है। चीन में कई बार्बर शॉप, मसाज पार्लर भी सेक्स सर्विस मुहैया कराते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार और पुलिस की ओर से की जाने वाली ऐसी कोशिशों से सेक्स वर्कर्स की हालत और दयनीय हो जाती है। इस रिपोर्ट में चीन की कम से कम 140 सेक्स वर्कर्स, उनके क्लाइंट्स, पुलिसकर्मियों और विशेषज्ञों का इंटरव्यू किया गया है। इसके मुताबिक कई सेक्स वर्कर्स को तो पुलिस गुनाह कबूल करवाने या जबरन बयान लेने के लिए बुरी तरह से पीटती है।

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