नई दिल्ली। सीपी जोशी को एक बार फिर रेल मंत्री बनाया गया है तथा कपिल सिब्बल कानून मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे। प्रधानमंत्री शाम तक केबिनेट में बदलाव का ऎलान कर सकते हैं। घूसकांड में फंसे पवन बंसल के रेल मंत्री व कोयला घोटाले में सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट बदलने के आरोप से घिरे अश्विनी कुमार के कानून मंत्री पद से इस्तीफे के बाद से ही केबिनेट में फेरबदल पर माथापच्ची शुरू हो गई थी।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री एम.मल्लिकार्जुन खरगे भी रेलमंत्रालय का प्रभार दिए जाने की अटकले जोरों पर रहीं। खरगे कर्नाटक में सीएम बनने के दावेदारों में से एक थे। जानकारों का मानना है कि खरगे को रेलमंत्री बनाकर कांग्रेस कर्नाटक की राजनीति को संतुलित करना चाह रही थी। लेकिन अचानक सीपी जोशी का नाम भी सामने आ गया। खास परेशानी कानून मंत्रालय को लेकर हो रही थी। इसके लिए तीन नाम आगे चल रहे थे। मनीष तिवारी, कपिल सिब्बल और वीरप्पा मोइली।
कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल भी सवालों के घेरे में हैं। एक वर्ग उन्हें हटाने की बात कर रहा है, जबकि उनके समर्थक गुट का कहना है कि अगले साल लोकसभा चुनावो को देखते हुए उन्हें मंत्रालय से नहीं हटाया जाना चाहिए। ऎसे में उनका विभाग बदला जा सकता है।
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