शुक्रवार, 3 मई 2013
जैसलमेर 27 साल से कराची जेल में बंद है जमालदीन
27 साल से कराची जेल में बंद है जमालदीन
सरबजीत की मौत के बाद जमालदीन के घर वालों की भी बढ़ी चिंता, 27 सालों में एक ही खत आया था, उसके बाद से कोई अता पता नहीं है
जैसलमेर पाकिस्तान की जेल में बंद सरबजीत की मौत के बाद बांधा गांव में भी माहौल चिंतनीय हो गया है। बांधा गांव का जमालदीन पिछले 27 साल से कराची जेल में बंद है। एक छोटी सी भूल के चलते वह सीमापार कर पाकिस्तान जा पहुंच तब से वह कराची जेल में बंद है।
सरबजीत पर हुए हमले तथा उपचार के दौरान हुई मौत से जमाल के परिजनों एवं गांव वालों में भी भय का माहौल है। उन्हें भी लगता है कि कहीं उनके जमाल की स्थिति सरबजीत की तरह न हो। जमाल के पुत्र हासम खां ने बताया कि 1986 में जमालदीन मवेशी चराते हुए भूलवश पाकिस्तान की सीमा में चला गया। जहां पाकिस्तान पुलिस ने पकड़ कर उसे जेल में डाल दिया। तब से लेकर अभी तक न तो सरकार ने कोई कार्रवाई की है और न ही उसे रिहा किया गया है। 12 साल पहले एक खत आया था जिसमें 15 दिन बाद रिहाई का लिखा था। उसके बाद से लेकर आज तक न तो खत है नहीं कोई संदेश।
27 साल से कराची जैल में है बंद
जमालदीन 1986 में मवेशी चराते हुए भूलवश पाकिस्तान की सीमा में चला गया था। जहां उसे पुलिस ने पकड़ कर जेल में बंद कर दिया था। जमालदीन के पुत्र हासमखान का कहना है कि 26 मार्च 1991 को कराची की सेंट्रल जैल के वार्ड संख्या 6 से लिखा पत्र आया था। जिसमें लिखा था कि 15 दिन बाद रिहा कर दिया जाएगा। लेकिन उसके बाद से कोई जानकारी नहीं है। सरकार से मदद की गुहार भी की लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
कहीं मार तो नहीं दिया
जमालदीन के भाई कमाल दीन का कहना है कि उन्हें तो कभी- कभी डर भी लगता है कि कहीं उसे मार तो नहीं दिया गया है। पिछले 12 साल से कोई खबर नहीं आई है। कराची जैल में बंद है या कहीं और इसके बारे में भी कुछ नहीं जानते। 27 साल में मात्र एक पत्र ही पाकिस्तान से आया है। पाकिस्तान की कोट लखपत जैल में सरबजीत पर हुए हमले एवं उपचार के दौरान मौत के बाद से जमालदीन के घर वालों की चिंता और अधिक बढ़ गई है। गांव में भी लोग सहमे हुए है।
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